चंद्रकांत देवांगन,दुर्ग. यहां केन्द्रीय जेल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां गैंगस्टर तपन सरकार के द्वारा जेल से ही सजा काटने के दौरान प्रापर्टी खरीदने का काम किया जा रहा है.इस पूरे मामला का खुलासा दुर्ग रेंज के आईजी जीपी सिंह ने किया है. जीपी सिंह ने बताया है कि किस तरह से जेल में बंद होने के बावजूद कैसे  तपन सरकार  प्रापर्टी के खरीद-फरोख्त का काम कर रहा था और उसके गिरोह द्वारा कैसे एक व्यवसायी से 20 लाख रुपए लिए गए.

उन्होंने बतााया कि इसकी शिकायत शहर के ही एक जमीन व्यवसायी पीड़ित सतीश चंद्राकर ने की थी. उसने बताया था कि जेल में बंद गैंगस्टर तपन सरकार के द्वारा फोन पर धमकी दी जाती है जिसके बाद दबाव बना कर जमीन की खरीद फरोख्त की जाती है इस पूरे मामले में तपन गैंग का गिरोह बाहर से इस प्लान को संचालित करता है.

पीड़ित ने परेशान होकर की थी शिकायत..

व्यवसायी  ने बताया कि इस गिरोह के लोग उसके घर आते थे और धमकाते हुए जेल में बंद तपन सरकार से बात कराते  थे. उसने बाताया कि गिरोह के द्वारा उससे अलग-अलग माध्यम से20 लाख से अधिक की राशि ले चुके हैं. गिरोह के सदस्यों द्वारा पीड़ित को लगातार और पैसे की मांग कर रहे थे जिससे परेशान होकर पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की .

जेल प्रशासन पर भी उठ रहे हैं सवाल…

जिसके बाद पुलिस ने मामले में तहकीकात शुरू की. फ़िलहाल इस मामले में तपन गिरोह के अनुराग दुबे और शैलेश तिवारी समेत आठ लोगों का नाम सामने आया है. जिसमें पुलिस की जाँच जारी है. वहीं इस मामले में पीड़ित पुलिस के अलावा कुछ भी कहने से डर रहा है.

लेकिन जेल से जुड़े इस खुलासे के बाद जेल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि कैसे जेल प्रशासन की नाक के नीचे ये सारा खेल चलता रहा और उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी. ऐसे में जेल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.

जेल अधीक्षक ने कहा….

लल्लूराम डॉट कॉम ने  जेल अधीक्षक से बात करने की कोशिश की  लेकिन उन्होंने ये कहते हुए पल्ला झाड़ते हुए जांच जारी होने का हवाला दे दिया.