रायपुर. सरकार ने दुर्ग जिले में डेंगू के महामारी बन जाने की बात स्वीकार कर ली है. स्वास्थ्य संचालनालय ने इस संबंध में एक अहम्भि फैसला लेते हुए कहा है कि निजी नर्सिंग होम और निजी चिकित्सालयों में डेंगू पीड़ितों का निशुल्क इलाज किया जाएगा. ऐसे लोग जिनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं है, उन्हें भी निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी. इलाज में खर्च राशि का भुगतान संजीवनी कोष से किया जाएगा. स्वास्थ्य आयुक्त ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है.
स्वास्थ्य संचालनालय से आज जारी किये गए आदेश में लिखा है कि जिला दुर्ग में 492 डेंगू बुखार से संभावित मरीज की रक्त सीरम सैंपल मेडिकल कॉलेज रायपुर को डेंगू बीमारी की पुष्टि हेतु भेजा गया है. जिसमें से कुल 282 डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं. इस तरह डेंगू के प्रकरण में वृद्धि का संज्ञान लेते हुए यह महसूस किया जा रहा है कि जिले में आउट ब्रेक अथवा महामारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इस वस्तुस्थिति को देखते हुए तथा शासकीय चिकित्सालय चिकित्सालय में जगह एवं विस्तार की कमी होने के कारण निजी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती किया जाना आवश्यक हो गया है. शासकीय एवं निजी अस्पतालों में इलाज करने का उसका होगी इस संबंध में शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि दुर्ग जिले में डेंगू पीड़ित मरीजों का उपचार निशुल्क किया जाना है. तथा विभाग द्वारा अधिकृत चिकित्सा अधिकारी द्वारा मरीजों को रेफर करने पर निशुल्क इलाज की पात्रता होगी.
1. दुर्ग जिले के भीतर डेंगू पीड़ित मरीजों को शासकीय निजी अस्पताल में रेफर करने पर इलाज निशुल्क की जाएगी.
2. डेंगू पीड़ित मरीजों को जिले से बाहर अन्यत्र अस्पतालों में भी रेफर करने पर इलाज निशुल्क की जाएगी.
3. पीड़ित मरीजों के पास आरएसबीवाई कार्ड उपलब्ध है उनका इलाज कार्ड के माध्यम से निशुल्क किया जाएगा.
4. जिन पीड़ित मरीजों के पास आरएसबीवाई कार्ड उपलब्ध नहीं है उन मरीजों को भर्ती कर निशुल्क इलाज प्रदान किए जाएंगे.
आज जारी किये गए आदेश में कहा गया है कि इलाज में व्यय प्रतिपूर्ति संजीवनी सहायता कोष किया जाएगा इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि इलाज में होने वाले की राशि का निर्धारण संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संचालनालय स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से किया जाएगा.