रायपुर. राज्य सरकार ने हड़ताली नर्सों को काम पर लौटने के लिए चार जून तक मोहलत दी है. सरकार का कहना है कि अन्यथा उनकी सेवाएं जनहित में समाप्त कर दी जाएंगी. बता दें कि शुक्रवार को लगभग तीन हजार महिला नर्सों को राज्य के अलग-अलग जिलों में गिरफ्तार किया गया था. अपने वेतन भत्तों में बढ़ोतरी और नौकरी पक्की करने की मांग को लेकर राज्य के सरकारी अस्पतालों की हजारों नर्से हड़ताल पर चली गई थीं.

वहीं राज्य सरकार ने हड़ताल के लंबी खिंच जाने के चलते एस्मा लगा दिया था. इसके बाद भी हड़ताली नर्सें काम पर नहीं लौटी. नतीजतन राज्य सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू कर दी. राज्य के स्वास्थ विभाग ने हड़ताली नर्सों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई. इसके पहले नर्सों के संगठन और स्वास्थ विभाग के आला अफसरों के बीच मांगों को लेकर बातचीत हुई, लेकिन यह वार्ता विफल रही. हड़ताली नर्सों ने अपनी मांगों को जायज ठहराया.

दूसरी ओर शहरों से लेकर गांव-कस्बों तक के सरकारी अस्पतालों में नर्सों की अनुपस्थिति के चलते सैकड़ों मरीजों की जान पर बन आई है. दरअसल, डॉक्टरों को पहले से तय कई ऑपरेशन टालने पड़े हैं. क्योंकि अस्पताल में नर्स ही नहीं है. ऐसे में किसी भी मरीज के ऑपरेशन का जोखिम डॉक्टर नहीं उठा रहे हैं. दो हफ्तों से नर्सों के अस्पताल में नहीं आने के चलते कई जरूरी सेवाएं भी ठप हो गई हैं. सरकारी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही संचालित हो रही है. वो भी ज्यादातर ट्रेनी नर्सों के भरोसे है.