रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में एक बार फिर से तालाबंदी होने जा रहा है, क्योंकि शिक्षाकर्मियों ने 2 अक्टूबर से अनिश्तिकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है. शिक्षाकर्मी संघ ने आज राजधानी रायपुर में बैठक के बाद ये निर्णय लिया. शिक्षाकर्मी संघ का आरोप है कि सरकार शिक्षाकर्मियों की लंबित मांगों को पूरा नहीं कर रही है. शिक्षा विभाग में संविलियन से लेकर लेकर क्रमोन्नति, पदोन्नति सहित 9 सुत्रीय मांग अब तक पूरी नहीं पो पाई है. लिहाजा शिक्षाकर्मी संघ ने ये तय है कि है गांधी जयंती 2 अक्टूबर के दिन प्रदेश भर के 1 लाख 80 शिक्षाकर्मी स्कूलों में पढाई ठप कर हड़ताल पर चले जाएंगे.

शिक्षाकर्मी संघर्ष समिति के अध्यक्ष केदार जैन और वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि पंचायत और शिक्षा विभाग के बीच हमें सिर्फ राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कई दौर की बैठकें हो चुकी है लेकिन किसी भी बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. 2013 में जिस तरह से शिक्षाकर्मी संघ ने 39 दिनों का हड़ताल कर सरकार झूकने के लिए विवश कर दिया था, अगर सरकार यही चाहती तो हम फिर इसी तरह के हड़ताल के लिए तैयार है.  इसके साथ ही शिक्षाकर्मी संघ ने कहा कि न्याय यात्रा भी निकाली जाएगी.

शिक्षाकर्मी संघ ने इस बात पर भी तीखी नाराजगी जाहिर की आज शिक्षकों की ड्यूटी खुले में शौच जाने वालों की निगरानी के लिए लगाई जा रही है. यह शिक्षकों के लिए अपमानजनक बात है. हम शिक्षकों से ये अपील करते हैं कि इस तरह की ड्यूटी वे ना करें. वहीं शिक्षाकर्मियों सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. इसके साथ ही संघ ने शिक्षकों के लिए स्कूलों में लगाए जा रहे बायोमैट्रिक्स का भी विरोध किया है. संघ के अध्यक्ष केदार जैन ने कहा कि अगर बायोमैट्रिक्स लगाना ही तो फिर सिर्फ शिक्षकों के लिए क्यों पहले शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों के लिए भी लगाई जाए.