भारत अपने आप में विविधताओं में एकता वाला देश है जहां भ्रमण करने हर साल लाखों विदेशी पर्यटक (foreign tourist) पहुंचते हैं। विदेशी सैलानी देश की कुछ मशहूर जगहों पर घूमने पहुंचते है जिनमें से कुछ ईमारतें तो कुछ स्मारक भी होते हैं। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं देश के मशहूर स्टैच्यू (Statue) की जिनकी भव्यता के चर्चे दुनियाभर में है। देश के ये स्टैच्यू जो भी देखता हैं वह हैरान रह जाता हैं। अगर आप अपना ट्रिप कुछ अनोखा रखना चाहते हैं, तो इस बार अनोखी मूर्तियों को देखने का प्लान जरूर बनाएं। आइये जानते हैं देश के इन भव्य और आकर्षक स्टैच्यू के बारे में।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, गुजरात

भारत के फेमस स्टैच्यू में से एक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। यह स्टैच्यू भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित किया गया है। यह स्टैच्यू विश्व का सबसे बड़ा स्टैच्यू है। इसके निर्माण से पहले चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल बुद्धा को सबसे बड़ी मूर्ती कहा जाता था। भारत के इस स्टैच्यू को लगभग 33 महीनों में बनाकर तैयार किया गया था।इसकी ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है और इसका कुल वजन 1700 टन है। यह स्टैच्यू सरदार सरोवर बांध से 32 किमी दूर साधू बेट नामक स्थान पर स्थित है।

तिरुवल्लुवर स्टैच्यू, तमिलनाडु

भारत में स्थित तिरुवल्लुवर स्टैच्यू तमिल कवि और फिलॉसोफर वल्लुवर की एक 41-मीटर ऊंची अर्थात् 133 फीट ऊंची पत्थर की मूर्ति है। जिन्होंने तमिल क्लासिक संगम जिसे तिरुक्कुरल कहा जाता है, लिखा था। यह स्टैच्यू तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक छोटे से द्वीप पर स्थित है। यहां से आप बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम भी देख सकते हैं। जिस भारतीय मूर्तिकार ने इरावन मंदिर बनाया था उसी ने ही उसी ने ही इस स्टैच्यू का निर्माण किया है।

जटायु पृथ्वी केंद्र, केरल

आपने केरल की खूबसूरती तो खूब देखी होगी, लेकिन कभी केरल के कोल्लम जिओले के चदयामंगलम में स्थित जटायु अर्थ सेंटर देखा है? एक ऐसा सेंटर जो अपनी विशाल जटायु मूर्ती के लिए दुनियाभर प्रसिद्ध है। जटायु अर्थ सेंटर को जटायु नेचर पार्क के नाम से भी जाना जाता है। मूर्ती 50 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और 65 एकड़ भूमि को कवर करते हुए 4 पहाड़ियों में फैली हुई है। इस अनोखी मूर्ती को राजीव आंचल ने डिजाइन किया था। यह रामायण के पौराणिक पक्षी जटायु का प्रतिनिधित्व करता है। दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति जटायु नेचर पार्क में स्थित है।

आदियोगी शिव प्रतिमा, कोयंबटूर

कोयंबटूर में वेल्लियांगिरी मूर्ती पर्वतों से घिरी हुई है। आदियोगी शिव प्रतिमा देशभर के लोगों के बीच इतनी मशहूर है कि आए दिन आपको यहां लोगों की अच्छी भीड़ दिख जाएगी। प्रसिद्ध मूर्ति 35 मीटर ऊंची, 45 मीटर लंबी और 77 मीटर चौड़ी है। इस मूर्ति को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी मूर्तिकला घोषित किया गया था।

तथागत त्सल, सिक्किम

दक्षिण सिक्किम में रवंगला के पास बुद्ध पार्क में भगवान बुद्ध की 130 फीट ऊंची मूर्ति स्थित है। इसे भारत में भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति कहा जाता है। इसे बनाने में करीबन 6 साल लगे। बता दें कि इस मूर्ति का निर्माण 2006 और 2013 के बीच हुआ था। यह मूर्ति सिक्किम सरकार और उसके लोगों के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से बनाई गई थी। इस स्टैच्यू को बनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों को आकर्षित करना व पर्यटन को बढ़ावा देना है।

हनुमान मूर्ति, हिमाचल प्रदेश

भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति हिमाचल प्रदेश में शिमला के पास जाखू पहाड़ी पर स्थित है। इसे 2010 में बनाया गया था। हनुमान जी की इस मूर्ति के निर्माण में लगभग 19 करोड़ रूपए का खर्च आया था। यहां जाखू मंदिर है, जहां हर साल काफी श्रद्धालु पहुंचते हैं और इस मूर्ति का दीदार करते हैं।