आकिब खान, हटा(दमोह)। जिले के हटा नगर में 500 से अधिक परिवार (Family) 15 दिनों से सरकारी सुनामी की दहशत में अपने दिन काट रहे है। इन परिवारों के लोग न तो चैन से सो पा रहे न ही इनके हलक से पानी नीचे उतर रहा है। सिर्फ अपने सिर से घर की छत (Roof) के टूटने का दहशत है। (Encroachment)
राजस्व विभाग (Revenue Department) के द्वारा करीब 15 दिन पहले फरमान जारी (Notice) कर दिया कि नगर खसरा नंबर 22 /1, 24, 26, / 40, 43, 45, 62 / 1, 64 / 1, 61 / 1, 70, 71 /1 जो शासकीय घास, चारागाह, भू-जल मद में दर्ज है, उसे खाली कराया जाना है। इस जमीन पर लोग अतिक्रमण कर मकान बनाये हुए है।राजस्व विभाग द्वारा मुनादी कराकर घरों के बाहर लाल निशान लगाये गये। इसके बाद लोगों को बेदखली के नोटिस भी थमा दिये गये। जिस क्षेत्र में बेदखली का फरमान जारी किया गया है वहां 500 से अधिक परिवार रहते है।
करीब 10 वर्ष पूर्व सरकार द्वारा इसे अयोध्या बस्ती को दर्जा देकर सीसी रोड का निर्माण, बिजली पोल, नल जल सप्लाई का विस्तार, हैंडपंप खनन सहित अनेक कार्य भी कराए गए। राजीव गांधी आश्रय योजना के अन्तर्गत इसी स्थान के पट्टे वितरित किये गये। करीब 10 घर को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मिला है।यहा अधिकतर मजदूर परिवार रहते है, जिसमें बीडी श्रमिक, रोज कमाने खाने वाले परिवार शामिल है। करीब 100 परिवार अति गरीबी रेखा से नीचे तो 250 घर गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे हैं। करीब 20 वृद्ध विधवाएं भी रहती है। आधे से ज्यादा अनुसूचित जाति वर्ग से है।
इस मुहल्ला में दहशत ऐसी की स्कूल जाने वाला बच्चा, हाथ ठेला चलाने वाला श्रमिक, रोजी रोटी की तलाश में गया इंसान को यह विश्वास नहीं कि जब वह वापिस आयेगा तो उसे अपना घर नहीं मिलेगा।70 वर्षीय वृद्ध विधवा मालती कोरी ने बताया कि 50 साल पहले यही डोली उतरी थी, यही पति की मौत हुई थी, अब हमारी अर्थी भी यहीं से उठेगी। यही हाल लगभग सभी का है। कोई 50 तो कोई 40 साल से यहां रह रहा है। दशोदा, भग्गो बाई ने बताया कि सुना था कि सरकार मकान बनवाकर दे रही है, लेकिन यहां ऐसी कोई की आपदा नहीं आई कि सरकार सब को बेघर करने पर तुली है।
मुन्नी बाई विश्वकर्मा ने बताया कि बीडी बना कर परिवार चलाया, घर की छत बनाई अब इसे क्यों तोड़ने पर उतारू है यह समझ से परे है। चिकित्सक एवं समाज सेवक डा. सत्यवेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि इस जमीन को प्रशासन क्यों खाली कराना चाह रहा है। कोई स्पष्ट जबाव नहीं दे रहा है। यदि मकान गिराये जाते है तो यह सरकारी सुनामी होगी जब 500 परिवारों को रहने के लिए छत भी नहीं होगी, हजारों लोग बेघर हो जाएंगे। नगर पालिका परिषद ने इस भूमि को आबादी घोषित कर अपना अभिमत प्रशासन को भेज दिया है।
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