पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद. बहुचर्चित एएनएम भर्ती घोटाला मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुख्ता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद यह मामला तूल पड़कड़ता गया और आखिकार अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए 27 एएनएम की भर्ती आदेश को निरस्त कर दिया. इन सभी 27 एएनएम की भर्ती नियम विरूद्ध की गई थी.
वहीं इस घोटाले में शामिल सीएमएचओ डॉ ए.के.एस. रात्रे को पूर्व में ही 5 जून को निलंबित कर दिया गया था. यह आदेश संचनालय ने सीएमएचओ दफ्तर गरियबन्द को भेजा था. निलंबन आदेश के पालन होने से कुछ देर पहले ही रात्रे ने 5 जून को ही 27 एएनएम की भर्ती निरस्त किये जाने का आदेश जारी कर दिया.
लेकिन इस आदेश की कॉपी रात्रे ने सम्बन्धित विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी को नहीं दी थी. इस उम्मीद में की हो सकता है कि उनका निलंबन आदेश निरस्त कर दिया जायेगा. लेकिन जब उनका निलंबन आदेश निरस्त नहीं हुआ, तो भर्ती निरस्त करने के आदेश की कॉपी को 9 दिन बाद रात्रे द्वारा सम्बन्धित विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी को दे दिया गया. जिससे नियम विरुद्ध भर्ती किये गये एएनएम को यह आदेश जारी किया जा सके.
ये था मामला
बता दें कि 27 अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति के शिकायत के बाद स्वास्थ्य संचनालय से हुई जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि हुई कि रात्रे द्वारा 27 अतिरिक्त पदों की नियुक्ति शासन से बिना अनुमति के की गई है. जारी आदेश में बताया गया है कि ग्रामीण स्वास्थ्य सयोंजक(महिला) के 14 पद के लिये 18 जुलाई 2016 को शासन स्तर पर भर्ती की अनुमति दी गई थी, लेकिन सीएमएचओ समेत अन्य जिम्मेदारों ने मिलीभगत कर 14 के बजाए 27 अतिरिक्त समेत 41 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी कर दिया.जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए 29 मई को गरियाबंद सीएमएचओ डॉ ए.के.एस. रात्रे को सस्पेंड कर दिया था.