जगदलपुर। बस्तर के बडे आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने यह बयान देकर सनसनी फैला दी कि गत दिनों आदिवासी समाज और बस्तर के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस के अधिकारियों की उपस्थिति में जो बैठक हुई, वह आरएसएस के इशारे पर हुई. जिसमें मुख्यमंत्री की सहमति थी! नेताम ने यह भी स्पष्ट किया कि कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और एसपी के समक्ष किसी भी प्रकार की पृथक बस्तर राज्य की मांग नहीं उठी, किंतु बैठक के बाद आदिवासी नेता और क्षेत्र के पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने यह मामला जरूर उठाया था. यह बाते नेताम ने जगदलपुर के आदिवासी विश्राम भवन मे बस्तर के सामाजिक और राजनीतिक विषय पर चर्चा के दौरान कही.
गौरतलब है कि कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र में विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी समाज और बंगीय समाज के बीच विवाद हो गया था. जिसके बाद से ही अवैध घुसपैठिए के मामले में आदिवासी समाज और बंगाली समाज के बीच तलवार खींची हुई है. इसके चलते बस्तर की राजनीतिक फिजा गर्माई हुई है.
इसके अलावा नेताम ने रायपुर से प्रकाशित एक समाचार पत्र में छपी खबर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मेरी मुलाकात छह माह पूर्व राहुल गांधी से हुई थी. उस दौरान मेरे द्वारा बस्तर और पूरे भारत की आदिवासी समाज की चिंता से उन्हें अवगत कराया गया था. उस दौरान कांग्रेस में प्रवेश को लेकर बातें कही गई थी, किंतु मैंने कोई उत्तर नहीं दिया. इसी प्रकार प्रदेश प्रभारी पुनिया से भी मेरी सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई है और राजनीतिक बातों पर भी विचार विमर्श हुआ किंतु मेरा स्पष्ट मत है कि फिलहाल कांग्रेस में जाने का अभी कोई सवाल ही नहीं उठता.