प्रतीक चौहान. रायपुर रेलवे स्टेशन में अवैध वेंडिंग का लंबा खेल चल रहा है. इस खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक हर कोई सेट है. ये हम इतने दावे से इसलिए कह रहे है क्योंकि इस खेल की जानकारी जैसे ही हमने जिम्मेदारों को दी उन्होंने कार्रवाई करने के बजाएं इस खेल को संचालित करने वाले गिरोह को इसकी जानकारी दे दी और गिरोह के एक सदस्य ने लल्लूराम डॉट कॉम के पत्रकार से कहा कि ‘मैं आपको अभी एक लिफाफा दे रहा हूं और हर महीने बिना बोले खाते में पैसे पहुंच जाएंगे’ बस इसके बदले ‘लल्लूराम’ को करना ये होगा कि उनकी सारी गलतियों को नजर अंदाज करना होगा.
लल्लूराम डॉट कॉम को सूचना मिली कि रायपुर रेलवे स्टेशन में 3 हजार रुपए प्रतिदिन यानी 90 हजार रुपए महीने…. हां, सही पढ़ा आपने. 90 हजार रुपए महीने की राशि एक अवैध फल विक्रेता अधिकारियों से सेटिंग कर प्लेटफार्म में वेडिंग कर रहा है. पड़ताल में पता चला कि उक्त ठेला सुबह प्लेटफार्म नंबर 1 के दुर्ग छोर में एक में मौजूद था. ठेले में कोई भी ट्राली नंबर नहीं था.
इसके बाद हम प्लेटफार्म नंबर दो में पहुंचे. जहां सनशाइन केटरर्स के वेंडर्स बिरयानी बेच रहे है. वह भी बिना एमआरपी और सिल-थप्पे के. जिससे ये पता चले कि उसे बनाया किसने है.
जबकि सनशाइन केटरर्स को रेलवे स्टेशन में टी-स्टॉल का ठेका मिला हुआ है. उन्हें वेंडिंग अनुमति भी उसी की मिली है. लेकिन अधिकारियों से सांठगांठ कर करीब 13 वेंडर्स ये काम कर रहे हैं.
इसी बीच हमने रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर को इसकी सूचना दी कि अवैध फल ट्राली रेलवे स्टेशन में संचालित है. उन्होंने कार्रवाई करने के बजाए उक्त फर्म के मैनेजर को इसकी सूचना दे दी कि पत्रकार रेलवे स्टेशन में पहुंचा है. ट्रॉली के बारे में पड़ताल कर रहा है.
इसके बाद हमने ये जानकारी आरपीएफ निरीक्षक को दी. उन्होंने कहा कि मैं इसको दिखवाता हूं. लेकिन करीब दो घंटे तक कोई भी हल-चल नहीं हुई.
इसी दौरान वहां सनशाइन केटरर्स का मैनेजर पहुंचा और उन्होंने सीधे रिपोर्टर को फोन कर मिलने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद रिपोर्टर उक्त मैनेजर से मिलने रेलवे स्टेशन में एमएफसी के पास पहुंचा, तो मैनेजर ने बताया कि स्टेशन डायरेक्टर का फोन आया था और उन्होंने जो चल रहा है (अवैध वेंडिंग) उसे बंद करने कहा है. आपसे मिलने को भी कहा है.
मैनेजर ने बिना देरी किए सीधे लिफाफे का ऑफर किया और बातचीत में ये भी कहा कि मैं 5 हजार रुपए का लिफाफा अभी दे रहा हूं. आपको हर महीने की पहली तारीख पर बिना बोले यह पैसे रिपोर्टर के पास पहुंच जाएंगे या उसके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएंगे. लेकिन मैनेजर की सारी करतूत लल्लूराम डॉट कॉम के खुफिया कैमरे में कैद हो गई.