बिलासपुर। भोजली समिति तोरवा द्बारा हर साल की तरह इस साल भी भोजली विसर्जन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर रामशरण यादव व एम.आई.सी मेंबर अजय यादव रहें। इस दौरान महापौर यादव ने अपने सिर पर भोजली की टोकरी रखकर उसे अरपा नदी स्थित तोरवा घाट में विसर्जित किया और कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति का निर्वाह करते हुए हरियाली और खुशहाली का पर्व भोजली नगर ही नहीं प्रदेश में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी विधि-विधान व हर्षोल्लास से मनाया गया।

समिति इस कोरोना काल में भी परंपरा का निर्वहन करते हुए इसे टूटने नहीं दिया। भोजली पर्व को लेकर जहां महिलाओं में उत्साह बना रहा, वहीं बच्चों ने भी उत्साह मनाने कोई कसर नहीं छोड़ी।

छत्तीसगढ़ी मान्यता के अनुसार भोजली को मितान बदने के दिवस के रूप में भी मनाया जाता रहा है। भादो लगने के 21 दिन पहले लोग घरों में गेहूं के दानों को टोकरी में बोते हैं। तत्पश्चात 22वें दिन भादो के पहले दिन भोजली का विसर्जन नदी या तालाब में किया जाता है। भोजली तिहार पूरे तोरवा वासी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास से भोजली निकाला गया और जिसमें तोरवा वासियों के द्बारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ भोजली विसर्जन किया गया।

भोजली समिति तोरवा के द्बारा विसर्जन पर देवी जस गीत देवी गंगा देवी गंगा लहरा तुरंगा गीत बजा कर तोरवा वासियों को भक्ति में लीन कर भोजली विसर्जन के बाद एक दूसरे को भोजली भेंट किया। जिसमें भोजली समिति अध्यक्ष शंकर यादव, सुनील भोई,मुकेश केंवट, नंदकिशोर यादव, कमल पटेल,सन्नी यादव,विनोद भोई,देवा भोई, शुभम् यादव,धनेश रजक राजा पांडेय, अनिल यादव, सुभाष चौधरी, गोपाल यादव, , गीता निर्मलकर, धन्नू पटेल, रामचरण रजक,कन्हैया पटेल, रामबाई सैनिक, रामप्यारी पटेल,जुगगा भोई, सुखमत केंवट, दुर्गा विशवकर्मा, पार्वती यादव, संगीता यादव, समस्त तोरवा वासी उपस्थित रहें।