सावन की पूर्णिमा के साथ ही हर भक्त का मन अगले शुभ मास की ओर मुड़ जाता है और वो है भाद्रपद (भादों) माह. इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा और उसी दिन सावन पूर्णिमा का समापन भी होगा. इसके अगले दिन, 10 अगस्त 2025 से भाद्रपद माह की शुरुआत होगी.

भाद्रपद का महीना देवी–देवताओं की विशेष आराधना, व्रत और शुद्ध साधना के लिए जाना जाता है. इस मास में जो प्रमुख त्योहार आते हैं, वे न सिर्फ धर्म के दृष्टिकोण से बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी ग्रह दोषों को शांत करने वाले माने जाते हैं.
प्रमुख व्रत–त्योहार
10 अगस्त, शनिवार भाद्रपद मास प्रारंभ
16 अगस्त, शनिवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
25 अगस्त, मंगलवार हरतालिका तीज
26 अगस्त, मंगलवार गणेश चतुर्थी
28 अगस्त, गुरुवार ऋषि पंचमी
31 अगस्त, रविवार दुर्भगा सप्तमी
6 सितम्बर, शनिवार भाद्रपद पूर्णिमा
जन्माष्टमी व्रत शनि, राहु, केतु के दोषों से मुक्ति दिलाता है. हरतालिका तीज सौभाग्य और वैवाहिक सुख बढ़ाने वाला पर्व है. गणेश चतुर्थी विघ्न विनाशक की उपासना का महापर्व है.
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