रायपुर- 50 साल की उम्र या 20 साल की कार्य अवधि पूरा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के परफारमेंस आॅडिट के बाद सरकारी नौकरी से निकाले जाने के विरोध में कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. सरकार ने खराब सीआर वाले अधिकारी-कर्मचारी को हटाने का फैसला लिया, तो इधर अधिकारियों और कर्मचारियों के फेडरेशन ने इसे तुगलकी फरमान बता दिया. तमाम कर्मचारियों संगठनों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ ये चेतावनी देते हुए मोर्चा खोल दिया है कि हालात नहीं सुधरे तो 2018 में सबक सिखाया जाएगा.
राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर अधिकारियों- कर्मचारियों के तमाम संगठनों ने धरना दिया. दरअसल केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी 50 साल उम्र पूरी करने या फिर 20 साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके खराब सीआर वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से हटा रही है. कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया है. संगठनों का आऱोप है कि उनके साथ भेदभावपूर्ण तरीके से व्यवहार किया जा रहा है. चुन-चुन कर कार्यवाही की जा रही है. नियम में इसका प्रावधान है कि गंभीर बीमार और दिव्यांगजन को सेवा से नहीं हटाया जाएगा, बावजूद इसके उन पर भी कार्यवाही कर दी गई है.
कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस आदेश पर पुर्नविचार करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी है कि यदि ऐसा तुगलकी फैसला वापस नहीं लिया गया, तो आगामी चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है.