सत्यपाल सिंह,रायपुर। राज्य के संस्कृति विभाग ने संग्रहाध्यक्ष प्रताप चंद पारख को पदोन्नति देकर उप संचालक बना दिया है. जबकि सरकार ने पहले पारख को भ्रष्ट अधिकारी बताया था. अब सरकार और संस्कृति मंत्री के बयान के खिलाफ जाकर विभाग ने पारख को पदोन्नति दे दी है. इस संबंध में संस्कृति विभाग की उप सचिव पुष्पा साहू ने आदेश जारी किया है. जिसके बाद से कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पारख पर कौन मेहरबान है ?

दरअसल प्रताप चंद पारख की संविलियन को हाईकोर्ट ने गलत ठहराया था. हाईकोर्ट ने संविलियन को रद्द कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश को लेकर विभाग और शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है.

प्रदेश सरकार ने संस्कृति विभाग को पत्र जारी कर पारख को भ्रष्ट अधिकारी बताया था और नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. पत्र में ये भी कहा गया था कि शासन और विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका को वापस लिया जाए. साथ ही संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी बयान देते हुए कहा था जिस स्पीड से पारख को पदोन्नति मिली है, उसी स्पीड से हटा दिया जाएगा.

क़ानून के जानकारों के मुताबिक़ जिस अधिकारी-कर्मचारी पर न्यायालयीन प्रकरण हो, विभागीय जाँच चल रहा हो, ऐसी ही स्थिति में उसे पदोन्नती नहीं दी जा सकती है. इस मामले में विभागीय सचिव और संचालक से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. जिस कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है.