रायपुर. स्कूटर से गिरने के बाद 58 वर्षीय बुजुर्ग के दाएं हाथ की हड्डी टूटने के साथ-साथ कुछ देर बाद उनका हाथ ठंडा होने लगा और उस हाथ ने काम करना भी बंद कर दिया.परिजन उसे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल पहुंचे. जहां ट्रामा यूनिट में जांच के बाद पता चला कि हाथ की हड्डी और हाथ की मुख्य नस भी अंदर कट गई है. जिसके कारण से खून की सप्लाई बंद हो गई है और हाथ ठंडे पड़ने के साथ काम करना भी बंद कर दिया. डॉक्टरों ने वैस्कूलर सर्जन को तत्काल मरीज की जानकारी दी और 4 घंटे चले ऑपरेशन के बाद मरीज के दाएं हाथ को कटने से बचा लिया गया.
एक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट के कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ केके साहू ने बताया कि हादसे में मरीज के हाथ की मुख्य नस ब्रेकीअल आट्री 2-3 सेमी तक कट गई थी. कृत्रिम नस जिसे चिकित्सकीय भाषा में पीटीएफई ग्राफ्ट कहा जाता है, उस तकनीक के साथ नस को जोड़ा गया. दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद टूटी हड्डी ऑर्थोपेडिक्स सर्जन ने एक्सटर्नल फिक्सेटर द्वारा जोड़ी. इस सर्जरी में डॉ केके साहू, डॉ. प्रणय, रेसिडेंट डॉ. रमेश, डॉ. सुंदरानी समेत अन्य स्टॉफ ने अहम योगदान दिया.
ये रखे सावधानी…
डॉ. साहू ने बताया कि नसों से खून सप्लाई बंद होने या ऐसे हादसे के बाद 6 घंटे तक का गोल्डन ऑवर होता है. तब तक मरीज का ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में मरीज के शरीर का वो हिस्सा जहां खून की सप्लाई नहीं हो रही है, वो ठंडा पड़ने के साथ-साथ काला भी पड़ने लगता है, जिसे काटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता. डॉ. साहू ने बताया कि कई बार खून की सप्लाई पतली नसों से धीरे-धीरे जारी रहती है तो ये गोल्डन ऑवर 24 घंटे तक भी बढ़ सकता है.