दिल्ली. यूं तो साल 1983 में ही कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्व कप का खिताब जीत लिया था. वहीं, कपिल देव की गिनती महान कप्तानों में की जाती है. लेकिन भारतीय क्रिकेट में एमएस धोनी की एंट्री के बाद से फैंस सभी कप्तानों को भुल गए. क्योंकि एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी में देश को एक के बाद कई खिताब दिलाए और देश को विश्व विजेता भी बना दिया.

एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने साल 2007 के टी20 विश्व कप, साल 2011 के वनडे विश्व कप और साल 2013 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी जीता है. धोनी की कप्तानी में देश को तीन बड़े ICC खिताब मिल गए. जिसकी जरूरत न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को थी, बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट के खेल में अपनी धाक जमाने के लिए जरूरी था. एमएस धोनी ही वो कप्तान थे, जो कप्तानी करते समय ये भूल जाते थे कि वे टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी कर सकते हैं.

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बता दें कि एमएस धोनी की यही दरियादिली और महान कप्तानी उनको अलग बनाती है, क्योंकि धोनी ने एक या दो नहीं, बल्कि कई क्रिकेटरों की किस्मत को बदलने का कमाल किया है. रोहित शर्मा खुद इस बात के गवाह हैं, क्योंकि उनको फर्श से अर्श तक पहुंचाने में एमएस धोनी का ही हाथ है. धोनी साल 2013 में न रोहित को ओपनिंग के लिए प्रमोट करते और न ही आज विश्व कप तीन दोहरे शतक वनडे क्रिकेट में लगाने वाला क्रिकेटर मिलता.

नंबर तीन पर 183 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलने वाले और ओपनिंग करते हुए भी एक अच्छी पारी खेलने वाले महेंद्र सिंह धोनी चाहते तो अपनी कप्तानी में शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी कर सकते थे, लेकिन जैसे ही उनको कप्तानी मिली तो वे निचले क्रम में चले गए, जहां एक मैच फिनिशर की भूमिका निभानी होती है. जब बात मैच फिनिश करने की आए तो दुनिया में धोनी जैसा मैच फिनिशर शायद पैदा नहीं हुआ है और न ही होगा.

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एमएस धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खासकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में एक अद्भुत मैच फिनिशर बनकर उभरे थे. धोनी के क्रीज पर रहते दुनिया की कोई भी टीम जीत के बारे में सोच भी नहीं सकती थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए वनडे क्रिकेट में एमएस धोनी 52 बार नाबाद लौटे हैं, जब उन्होंने 50 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं.

साल 2019 के विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत को 18 रन के करीब से हार का सामना करना पड़ा. एक समय जब भारत के 24 रन पर 4 विकेट गिर गए थे, तो किसी को जीत की उम्मीद नहीं थी, लेकिन जिनका भरोसा धोनी पर था, वो टस से मस नहीं हुए.यहां तक कि धोनी ने मैच बना दिया था, लेकिन वे लक्ष्य का पीछा करते हुए 49वें ओवर की तीसरी गेंद पर बहुत मामूली से अंतर से रन आउट हो गए थे.

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देश के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे इंटरनेशनल और 98 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले एमएस धोनी अब सिर्फ आईपीएल में ही सक्रिय हैं. उन्होंने वनडे क्रिकेट में 10 शतकों के साथ 10773 रन, टेस्ट क्रिकेट में 6 शतकों के साथ 4876 रन और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 1617 रन बनाए हैं. विकेटकीपिंग के लिए दुनिया में फेमस एमएस धोनी ने टेस्ट और वनडे क्रिकेट में गेंदबाजी भी की है.

वनडे इंटरनेशनल करियर में बतौर विकेटकीपर खेलते हुए 10 हजार से ज्यादा रन 50 से ज्यादा की औसत से बनाने वाले धोनी दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं. धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी की है. एक पारी में बतौर विकेटकीपर सबसे बड़ा स्कोर एमएस धोनी के ही नाम है.