रायपुर. विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा जारी है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, राज्य निर्माण के दौरान प्रदेश का बजट 5700 करोड़ था, आज का बजट 1 करोड़ 32 लाख से अधिक है, पर इस बजट में है क्या? यह बजट भ्रम जाल है, धोखे का बजट है. इस दौरान मंत्रियों की टोका टाकी पर नेताप्रतिपक्ष ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, संसदीय परंपरा में यह उचित नहीं, सत्तापक्ष सुनने की आदत डालें.

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा, पुराना बजट का क्या हुआ, क्या सभी प्रावधान हुए, टेंडर हुए. लोक निर्माण विभाग, जल जीवन मिशन और जल संसाधन विभाग में पिछले बजट में कोई कार्य नहीं हुए हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छोड़कर किसी के लिए कोई घोषणा नहीं हुई. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है. चंदेल ने सत्र को छोटा बताया. इस पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, आप चर्चा करना चाहे तो दोबारा सत्र बुला लेंगे.

‘अवैध शराब को रोकने बजट में प्रावधान नहीं’

चंदेल ने आगे कहा, आधारभूत संरचना के लिए बजट नहीं, गांव में विकास बंद है. गांव-गांव में शराब दुकान खुल गए हैं. अवैध शराब को रोकने बजट में प्रावधान नहीं है. प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी का नियमितीकरण तक नहीं हुआ. केंद्र के समान डीए तक सरकार नहीं दे पाई. साढ़े चार लाख से अधिक अधिकारी, कर्मचारी के साथ धोखा हुआ है. सरकार के पास कौन सा ऐसा थर्मामीटर है, जो रिकॉर्ड धान की खरीदी होती है. जमीन का रकबा घट गया और धान का उत्पादन बढ़ गया, यह तो करिश्मा है.

‘सवा चार साल में किसी खिलाड़ी का नहीं हुआ सम्मान’

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, खिलाड़ी कोटे से कितने प्रतिभावान खिलाड़ियों को नौकरी दी गई है. सवा चार साल में किसी खिलाड़ी का सम्मान नहीं हुआ. इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों की रोका टोकी पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, नेताप्रतिपक्ष बजट पर पहले बोलें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सत्तापक्ष से पूर्व अजय चंद्राकर ने रोका टोकी की. सीएम के बयान पर बृजमोहन ने कहा, बीजेपी आपत्ति नहीं सहयोग कर रही.

‘नक्सल उन्मूलन के लिए बजट में प्रावधान नहीं’

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने आगे कहा, बस्तर में बीजेपी नेताओं की हत्या हो रही. नक्सल उन्मूलन के लिए बजट में प्रावधान नहीं है. प्रदेश में जल जंगल और जमीन को बचाने की आवश्यकता है पर बजट में इसका जिक्र नहीं है. सरकार पेट्रोल डीजल की बात करती है. केंद्र सरकार से अधिक छग में वैट लिया जा रहा. पेट्रोल में सरकार 25.81 प्रतिशत और डीजल में 27.2 प्रतिशत वैट ले रही है. उन्होंने कहा, डीएमएफ खर्च करने की सही रणनीति बनाने की आवश्यकता है, वरना बंदरबांट का आरोप लगता रहेगा. बड़े-बड़े उद्योग है पर सीएसआर की राशि के उपयोग की कोई जानकारी नहीं है. प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा पर बजट में इसे लेकर कोई प्रावधान नहीं है.