रवि शुक्ला, मुंगेली। शासन की सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का जिले में किस तरह से बुरा हाल है, इसकी एक बानगी देखने को मिली है प्रदेश के खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहले के गृह जिले मुंगेली में. यहां जनपद पंचायत विभाग का अनोखा कारनामा सामने आया है. विभाग की लापरवाही के चलते यहां जीते जागते एक पुरुष को कहना पड़ रहा है कि साहब.. मैं तो जिंदा हूं और मुझे मेरे हक का आवास तो दे दो.

दरअसल सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से ये हितग्राही मर चुका है, जिसके कारण उसके नाम को सूची से काट दिया गया है. यही नहीं पीड़ित हितग्राही अपने जिंदा होने का पुख्ता प्रमाण भी दे चुका है, लेकिन अधिकारी हैं कि ये मानने को तैयार ही नहीं हैं कि वो शख्स जिंदा है. जिसके चलते उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हर व्यक्ति का एक ही सपना होता है कि उसके पास भी अपने सपनों का महल हो, जिसमें वो अपने परिवार के साथ सुख से रह सके. केंद्र सरकार ने देश के लोगों के इस सपने को साकार करने के मकसद से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है, जहां इस योजना के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर आमलोगों को आवास मुहैया कराया जा रहा है. वहीं लोक सुराज के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद लोगों से संपर्क कर उनसे इस योजना के बारे में जानकारी ले रहे हैं.

सीएम संबंधित विभाग के अधिकारियों को लोगों को इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के निर्देश भी देते नजर आते हैं. लेकिन विभागीय अधिकारी तो जैसे अपनी मनमानी और लापरवाही करने की कसम खाकर बैठे हैं. इन्हें किसी के भी निर्देशों की कोई परवाह नहीं रहती.

इधर जिले के पथरिया विकासखंड के ग्राम डाडगांव में बुजुर्ग गौतम कोसले को पंचायत विभाग द्वारा मृत घोषित कर देने से आवास योजना से वंचित होना पड़ा. बुजुर्ग गौतम अपने जिन्दा होने का प्रमाण लिए अब दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. उन्होंने बताया कि किस तरह ग्रामसभा की बैठक में मौजूद रहते हुए भी ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसके चलते उसे घर नहीं मिल पा रहा है.

वहीं इस बारे में जिले के कलेक्टर का कुछ और ही कहना है. उनकी मानें तो इसमें सीधे तौर पर हितग्राही की गलती है, जो ग्रामसभा की बैठकमें नहीं गया और अगर उसे मृत घोसित किया गया, तो वहीं पहुंचकर इसका विरोध नहीं किया. हालांकि वे ये भी मानते हैं कि विभाग के अधिकारियों से भी गलती हुई है. लेकिन पीड़ित हितग्राही को उसका वाजिब हक कब मिलेगा के सवाल को उन्होंने टाल दिया.

लोगों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के चलते निचले स्तर पर सैकड़ों जरूरतमंदों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हौ. जिन्दा इंसान को मृत, अपात्रों को पात्र और पात्र को अपात्र घोषित कर शासन की हितग्राही मूलक योजना पर पानी फेर रहे हैं. जिले में दर्जनों ऐसे जरूरतमंद व्यक्ति हैं, जो इन्हीं लापरवाही का खामियाजा भोगते हुए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.