चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति द्वारा खारिज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका कांग्रेस ने वापस ले ली है. इसके बाद 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इसे खारिज घोषित कर दिया.गौरतलब है कि उप राष्ट्रपति द्वारा महाभियोग का प्रस्ताव खारिज होने पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी याग्निक ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि जिन पांच जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है उसका गठन भी मुख्य न्यायाधीश ने ही किया है, उस फैसले का आधार क्या है.
सुनवाई के दौरान पांच जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस एके सीकरी ने कई बार सिब्बल से कहा, “आपकी मांग मामले को कहीं नहीं ले जाएगी. बेहतर हो आप केस पर जिरह करें.” जस्टिस सीकरी ने ये भी कहा, “CJI मामला नहीं सुन सकते क्योंकि मामला उनसे जुड़ा है. उनके बाद के 4 जज भी मामले से कहीं न कहीं जुड़े हैं. ऐसे में सुनवाई आखिर कोई तो करेगा, आपको सुनवाई पर क्यों एतराज़ है.”
अटॉर्नी जनरल ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि 7 पार्टी के 64 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे तो सिर्फ एक ही पार्टी के 2 सांसदों ने ही याचिका क्यों दायर की. इसके साथ ही मामले से जुड़े एक वकील ने सिब्बल पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल ने खुद उस मोशन पर हस्ताक्षर किए थे. यहां पर कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट का मामला है, लिहाज़ा सिब्बल को इस केस में पेश नहीं होना चाहिए.
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि संवैधानिक पीठ ने प्रशासनिक ऑर्डर की कॉपी शेयर करने से इंकार कर दिया.