टुकेश्वर लोधी, आरंग. छत्तीसगढ़ में किसानों की स्थिति पर सरकार भले की अपनी तारीफ करे, लेकिन वास्तविकता कुछ और है. प्रदेश के अन्नदाताओं को धान की फसल बुआई से लेकर धान बेचने के बाद कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जैसे तैसे धान बेचने के बाद अब किसानों को अपने ही पैसे के लिए भटकना पड़ रहा है.

साहूकारों और बैंको से उधार में पैसा लेकर किसान खेती करते हैं और धान बेचने के बाद बैंकों और साहूकारों को ब्याज सहित भुगतान करते हैं, लेकिन वर्तमान समय में किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. धान खरीदी के बाद शासन जिला सहकारी बैंक से किसानों का भुगतान करती है, लेकिन बैंकों में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण किसानों को अपने हक का पूरा राशि नहीं मिल रही है. रायपुर जिले के सबसे बड़े जिला सहकारी बैंक आरंग में इन दिनों किसानों की भीड़ उमड़ने लगी है. अपनी जरूरत के लिए किसान बड़ी उम्मीद के साथ बैंक से अपने पैसे निकालने आ रहे हैं, लेकिन बैंक में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण किसानों को पूर्ण भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे किसानों में नाराजगी देखी जा रही है.

कभी भी बंद हो सकती है धान खरीदी : किसान नेता

लगभग 20 किमी दूर से किसान धान खरीदी का भुगतान लेने आरंग के जिला सहकारी बैंक आ रहे हैं. यहां पहुंचने के बाद बैंक में रुपए नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद किसान मायूस होकर वापस लौट रहे हैं. किसानों की समस्या को लेकर किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि इस साल धान बेचने से लेकर भुगतान प्राप्त करने तक किसान परेशान हैं. खरीदी केन्द्रों से धान का परिवहन न होने से धान खरीदने की पर्याप्त जगह नहीं है. कभी भी धान खरीदी बंद हो सकती है. टोकन की समस्या है. 15 जनवरी तक ऑनलाइन ऑफलाइन टोकन मिलना बंद है. किसी तरह थोड़ा बहुत धान बिक जाए तो भुगतान प्राप्त नहीं हो पा रहा है, क्योंकि बैंक में जाने पर सभी किसानों को पर्याप्त भुगतान नहीं मिल पा रहा है. उदाहरण के लिए कोऑपरेटिव बैंक आरंग में किसानों को देने के लिए प्रतिदिन 4 करोड़ रुपए की आवश्यकता है परंतु उसे मात्र डेढ़ करोड़ रूपया ही प्राप्त होता है, जिसे सभी किसानों को भुगतान कर पाना अक्षम साबित हो रहा है. जिस किसान को दो लाख रुपए की आवश्यकता है उसे मात्र 50 हजार ही थमा रहे हैं. आरंग कोऑपरेटिव बैंक में सुबह से लाइन पर लगे किसान को 2 बजे तो कभी 4 बजे भुगतान नसीब हो पा रहा है, क्योंकि कैश पहुंचाने वाली गाड़ी 2 बजे के पहले नहीं आ पाती.

जल्द समस्या का हो जाएगा समाधान : व्यवस्थापक

बैंक के प्रभारी व्यवस्थापक नरेंद्र चंद्राकर ने कहा कि बैंक में पर्याप्त राशि नहीं आ रही. सभी किसानों को भुगतान करना होता है इसलिए सभी को संतुष्ट कर राशि का भुगतान कर रहे हैं. उच्चाधिकारियों को इस समस्या के बारे में जानकारी दे दी गई है. जल्द ही बैंक की राशि लिमिट बढ़ाई जाएगी और किसानों को पर्याप्त राशि मिलेगी.