मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है। शहर में संचालित झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध पैथालॅाजी लैब संचालकों के खिलाफ विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने आज एक झोलाछाप डॅाक्टर के क्लीनिक और अवैध पैथालॉजी लैब में तालाबंदी की कार्रवाई की है।

जानकारी के अनुसार सीएमएचओ सुनील छारी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ नगर में चल रही साधना पैथोलॉजी लैब पर छापामार कार्रवाई की। वहां संचालक के पास वैध दस्तावेज नहीं मिलने के कारण उसे लैब में सील कर दिया गया है। लैब में सीलबंद कार्रवाई की जानकारी लगते ही अवैध रूप से चल रही पैथोलॉजी लैब संचालकों द्वारा अपनी लैब बंद कर दी गई।

इसी कड़ी में सीएमएचओ की टीम एक झोलाछाप डॉक्टर की दुकान पर रुकी, जहां बड़ी संख्या में मरीज बाहर बैठे हुए थे। मौके पर पहुंचे डॅाक्टर से डिग्री मांगी तो उनके पास कोई डिग्री नहीं मिली। इस दौरान उन्होंने अपने पास रखें अन्य प्रैक्टिस की डिग्री दिखा दी। जिसको देखकर सीएमएचओ ने यह डिग्री मान्य नहीं है। इसके बाद डॉक्टर के खिलाफ पंचनामा तैयार कर दुकान बंद करवा दी गर्ई। विभाग की इस कार्रवाई के बाद अशोकनगर में सभी झोलाछाप डॉक्टरों एवं पैथोलॉजी लैब की शटर बंद नजर आई।

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बता दें कि जिलेभर में लगभग पांच वैध पैथोलॉजी लैब ही संचालित हैं। इसके अलावा लगभग 100 से अधिक पैथोलॉजी अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। बताया जाता है कि राजनीतिक रसूख के चलते यह अवैध पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही हैं। लंबे समय बाद देखने को मिला है की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध पैथोलॉजी एवं झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है।

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