रायपुर-  महासमुंद विधायक डाॅ. विमल चोपड़ा और उनके समर्थकों की पुलिसिया पिटाई के मामले में कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रपति शासन की मांग की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश की हालात बदतर हो चुकी है. यहां की स्थिति जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा खराब है.
विधायक विमल चोपड़ा के समर्थन में उतरी कांग्रेस ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी. भूपेश बघेल ने कहा कि बिलासपुर में कांग्रेस नेता शैलेष पांडेय के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों पर लगने वाली धाराएं लगा दी गई हैं. मेरे खिलाफ न जाने कितने प्रकरण दर्ज कराए गए हैं. ईओडब्ल्यू में केस दर्ज किया गया, लेकिन आज तक मुझसे एक भी सवाल नहीं पूछा गया.  पीसीसी चीफ ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था का यह हाल है कि राज्य की 27 हजार महिलाएं गायब हो गई है, लेकिन इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. बघेल ने कहा- बीजेपी जम्मू-कश्मीर में क्षेत्र विशेष के साथ भेदभाव की बात करती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में विपक्षी विधायकों के साथ जो भेदभाव किया जाता है, वह उन्हें नजर नहीं आता. हम सदन में भी यह आवाज उठाते हैं. बस्तर-सरगुजा के साथ भेदभाव किया गया, पेसा कानून, फाॅरेस्ट राइट एक्ट का लगातार वायलेशन किया जा रहा है. आदिवासियों की जमीनों को लेकर धारा 170 ख के तहत कई प्रकरण दर्ज हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. टाटा प्लांट का उदाहरण सबके सामने है.
भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में पत्रकारों की जाने गई, जेल में ठूंसा गया. कोई पत्रकार सरकार के खिलाफ लिख दे, तो उनके परिजनों को प्रताड़ित किया गया. यह स्थिति पूरे प्रदेशभर में बनी हुई है. राज्य में प्रशासनिक आतंकवाद पैदा कर दिया गया है. अधिकारियों के दम पर सरकार चल रही है. लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन भी नहीं किया जा सकता. पुलिस कर्मियों के परिजन आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन ऐसी धाराएं लगाई जा रही है कि बेल भी न मिले. बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार में झीरम घाटी की घटना घटती है, लेकिन जांच नहीं होती. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज किए जाते हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मो. अकबर ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण खत्म हो गया है. वहीं वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सरकार निरकुंश हो गई है. तानाशाही चल रही है. उन्होंने कहा कि ये कैसा कानून है, जहां चंद महीनों में पुलिस वालों का ट्रांसफर कर दिया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे पुलिस परिवार के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है.

सोसाइटियों में बीज की कमी के मुद्दे पर भी घेरा

प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस ने सोसाइटियों में खाद्य-बीज की कमी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को क्षतिपूर्ति देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से चार हजार करोड़ रूपए की मांग की थी. लेकिन सरकार को महज 396 करोड़ रूपए ही मिला. बावजूद इसके किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया. बीमा की जो राशि किसानों के हिस्से आई, उसे भी ऋण में समायोजित कर दिया जा रहा है. यूरिया में पांच किलो वजन कम हो गया है. सोसाइटियों में बीज नहीं मिल रहा. यह स्थिति प्रदेश में बनी हुई है. दिनोंदिन हालत बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में हम केंद्र से मांग करते हैं कि यदि थोड़ी भी नैतिकता बाकी है, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए. वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि जिस तरह से फसल क्षति पूर्ति का आंकलन होना था, वैसा नहीं किया गया. पूरी तरह से पक्षपात पूर्ण ढंग से फसल बीमा का लाभ दिया जा रहा है. फसल बीमा में अपने लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने राजनीतिक तौर पर निर्णय़ लिया गया है. किसानों को लूटने का यह तरीका है. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है.