संतोष गुप्ता, जशपुर। मछली व्यापारी के साथ मारपीट के मामले में एसएपी शंकर लाल बघेल ने एसडीओपी की जांच रिपोर्ट के बाद आरोपी थाना प्रभारी किरणेश्वर प्रताप सिंह को लाइन अटैच कर दिया है. एसपी ने सब इंस्पेक्टर वंश नारायण शर्मा को तपकरा थाना का नया प्रभारी बनाया है.

मामला 26 मार्च की दोपहर का है. थाना प्रभारी किरणेश्वर प्रताप सिंह ने तपकरा के रहने वाले युवा व्यवसाई युवक बसंत प्रसाद साहू को घर से बाहर निकालकर सड़क पर लात-जूतों से जमकर पिटाई की थी. बताया जा रहा है कि किसी ने थाना प्रभारी को फोन पर शिकायत की थी कि मछली व्यापारी बसंत चौधरी अपने घर के पास गंदगी फैला रहा हैं. जबकि व्यापारी का कहना है कि वह कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पिछले 15 दिनो से मछली बेचने का काम बंद कर दिया है. लल्लूराम डॉट कॉम में इस खबर के आने के बाद एसपी शंकर लाल बघेल ने कुनकुरी एसडीओपी को जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट आऩे के बाद एसपी ने आरोपी थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया.

 

डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदार पर उकसाने का आरोप

वहीं जिस दौरान थाना प्रभारी किरणेश्वर प्रताप सिंह अपनी दबंगई दिखा रहे थे उस दौरान वहां पर डिप्टी कलेक्टर पोषक चौधरी और फरसाबहार में पदस्थ नायब तहसीलदार लक्ष्ण राठिया भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारी थाना प्रभारी को मारपीट करने से रोकने की बजाय बल्कि उन्हें और ज्यादा उकसा रहे थे. मारपीट के लिए थाना प्रभारी का मनोबल बढ़ाने वाले इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब एसडीओपी की जांच में मारपीट करने वाले थाना प्रभारी को गलत माना गया तो फिर उन्हें उकसाने वाले दोनों अफसरों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि अगर व्यवसायी ने गंदगी फैलाई भी होगी तो मारपीट करने का अधिकार उन्हें किसने दिया. उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती थी. ऐसे में दोनों अधिकारियों की भी मारपीट के लिए उकसाने पर बराबर की जिम्मेदारी बनती है और सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए.

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