रायपुर. नर्सों की हड़ताल पर राज्य शासन ने एस्मा लगा दिया है. इसके तहत अब ये हड़ताल कानूनन गलत है और हड़ताल कर रही नर्सों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर रानू साहू का कहना है कि हम फिलहाल बातचीत से मामले को सुलझाना चाहते हैं ,हड़ताल कर रही नर्स हमारे विभाग की हैं इसलिए हम उनपर कोई सख्ती नहीं करना चाहते, लेकिन अगर आगे भी हड़ताल खत्म नहीं होती है तो एसमा के तहत कार्रवाई की जाएगी.
वहीं नर्स यूनियन का कहना है कि ही हमने स्वास्थ्य मंत्री से अपनी मांगों को लेकर मुलाकात की,जिसपर मंत्री ने आश्वसन भी दिया. पर उसके कुछ ही देर बाद एसमा लागू कर दिया जाता है जो गलत है, हालांकि हम तक कोई औपचारिक सूचना नहीं आयी है लेकिन अगर ऐसा है भी तो भी हम बिना डरे और रुके अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
आपको बता दें किसैलरी बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों की तीन हजार नर्से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.जिसके कारण प्रदेश की अस्पतालों के हालात बिगड़ी हुई है. यहां तक की मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. इसी के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.
आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा लगाया जाता है. एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है. एस्मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. इस अधिनियम के लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्तर्गत एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफतार किया जा सकता है.