मुकेश मेहता, बुधनी। जहां महिलाएं सशक्त होती हैं, वहां समाज बदलता है। इस बात को बुधनी ब्लॉक में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के प्रतिनिधियों ने न सिर्फ महसूस किया, बल्कि करीब से देखा। 28 जनवरी 2025 को सीहोर जिले के बुधनी ब्लॉक में गेट्स फाउंडेशन की भारत, अमेरिका और अफ्रीका से आई सात सदस्यीय टीम ने पान गुराड़िया ग्राम पंचायत, नकटी तलाई गांव और मालिवाया में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास के प्रेरक प्रयासों को बारीकी से समझने का प्रयास किया किया।
इस दौरे के दौरान चार प्रमुख मुद्दों ने सभी का ध्यान खींचा—लखपति दीदियों की आत्मनिर्भरता की कहानियाँ, लैंगिक समानता की दिशा में हो रहे प्रयास, महिलाओं के सफल उद्यमों की गूंज और उन्नति एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट का ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान।
दौरे की शुरुआत पान गुराड़िया ग्राम पंचायत में उन्नति क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) और गांव संगठन (वीओ) की संरचना और कार्यप्रणाली की प्रस्तुति से हुई। यहां लखपति दीदियों ने अपनी कहानियां साझा कीं, जो सब्जी उत्पादन, बासमती चावल की खेती, बकरी पालन और अन्य कृषि कार्यों में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि कैसे आर्थिक संघर्षों और पारिवारिक चुनौतियों को पार करते हुए वे वित्तीय स्वतंत्रता की ओर बढ़ीं। उनकी यात्रा हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती है।
एनएके टीम और पंचायत सदस्यों के साथ बातचीत में गेट्स फाउंडेशन की टीम को यह समझने का अवसर मिला कि कैसे स्थानीय पंचायत, सीएलएफ और सहायता केंद्र (NAK-LAK-One Stop Centre) के बीच समन्वय बनाकर सामुदायिक विकास को गति दी जा रही है। पंचायत में शराबबंदी लागू करने का निर्णय महिलाओं के सामूहिक प्रयासों की जीत है, जिससे घरों और समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।
टीम ने नकटी तलाई गांव में सुनीता दीदी के घर पर पांच महिला उद्यमियों से बातचीत की। सुनीता दीदी की कपड़े की दुकान, गायत्री उइके का ब्यूटी पार्लर और हस्तनिर्मित ज्वेलरी क्लस्टर जैसी पहलें न सिर्फ उनके परिवारों की आजीविका का जरिया बनी हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। इन महिलाओं की सफलता उनकी दृढ़ता और साहस का प्रमाण है।
दौरे का अंतिम चरण में एकता संकुल मालिवाया स्थित उन्नत एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट में हुआ। यहां दाल प्रोसेसिंग और मसाला पैकेजिंग यूनिट की प्रक्रियाओं का अध्ययन किया गया। उन्नत दीदियों के साथ बातचीत के दौरान यह समझा गया कि कैसे यह यूनिट गांवों में उत्पादों की मार्केटिंग और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही है।
इस दौरे में जिला सीहोर एनआरएलएम से शशांक शर्मा, ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (टीआरआई) की राज्य टीम से स्टेट हेड अलिवा दास जी और ब्लॉक टीम से राम अवतार चौहान, और इमागो संस्था की राज्य टीम से गायत्री जी ने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। उनके मार्गदर्शन और समन्वय से यह दौरा न केवल सफल हुआ, बल्कि प्रतिनिधियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक भी रहा।
गेट्स फाउंडेशन की टीम ने महिलाओं और समुदायों की इन प्रेरणादायक कहानियों से यह समझा कि समूह की दीदियों संकुल के माध्यम से किस प्रकार अपने सशक्तिकरण मॉडल से सामाजिक और आर्थिक बदलाव की एक नई मिसाल पेश कर रहीं है। यह दौरा भारत में महिलाओं की ताकत को पहचानने और उसकी सराहना करने का एक प्रभावी प्रयास था।
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