पवन दुर्गम, बीजापुर. मलेरिया से तीसरी कक्षा की एक छात्रा की गुरुवार को मौत हो गई. छात्रा सुनीला कुटरू पोटाकेबिन में अध्ययनरत थी. छात्रा 2 दिन से पीएफआर मलेरिया से पीड़ित थी.

जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले के कुटरू पोटाकेबिन आवासीय कन्या आश्रम शाला में मलेरिया से तीसरी कक्षा की छात्रा सुनीला (8) पिता सुखराम की मौत हो गई है. बुधवार को बुखार आने पर इलाज कराया गया था, जहां उसे पीएफआर (प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम) मलेरिया पॉजिटिव होना पाया गया. गुरुवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर अधीक्षिका ने उसे कुटरू सीएचसी में उपचार के लिए पहुंचाया. डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत्यु होने की पुष्टि की है. यह जानकारी राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक  विजेंद्र राठौर ने दी है.

बताया जा रहा है कि तीसरी कक्षा में अध्यनरत सुनीला की तबीयत बुधवार को खराब होने लगी थी, जिसकी जानकारी अधीक्षिका कनक्का एंजा को दी गई. अधीक्षिका ने सुनीला को सीएचसी कुटरू में इलाज के लिए भेजा गया. सीएचसी में खून की जांच कर छात्रा को पीएफआर मलेरिया पॉजिटिव होना पाया गया. डॉक्टर्स ने उसे दवाई देकर वापस पोटाकेबिन के लिए भेज दिया था.

गौरतलब है कि गुरुवार को अचानक सुनीला की तबीयत फिर बिगड़ने लगी तो अधीक्षिका ने उसे पुनः सीएचसी कुटरू में इलाज के लिए ले आई. जांच के बाद चिकित्सकों ने छात्रा सुनीला के मौत हो जाने की पुष्टि की.

जिले में पोटाकेबिनों में मौत के आंकड़ों की लंबी फेहरिस्त है. अधीक्षकों की लापरवाही कई बार इन पोटाकेबिनों में छात्र-छात्राओं की मौत का कारण बनता है. बीजापुर जिले के चारों विकासखंडों बीजापुर, भैरमगढ़, उसूर, भोपालपटनम में विगत वर्षों में कई मामले आए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पामेड़, दुगईगुडा, कुटरू, माटवाडा सहित दर्जनों आश्रम और आवसीय पोटाकेबिन आश्रमों में मौतों हुई हैं.