शैलेश गुप्ता, सोनहत, कोरिया। एक तरफ तो रमन सरकार प्रदेश के विकास के दावे करते नहीं थकती, दूसरी तरफ कोरिया के सोनहत विकासखंड के बेलिया ग्राम पंचायत में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं. बेलिया ग्राम पंचायत के आश्रित वनांचल गांव ठकुरहाथी में हालत बेहद खराब है. यहां करीब 40 से 45 परिवारों के डेढ़ सौ लोग रहते हैं. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए न तो सड़क है और न अन्य साधन.
ठकुरहाथी गांव तक पहुंचने के रास्ते में पढ़ने वाली नदियों में पुल तक नहीं है. ऊपर से हल्की सी बारिश में भी ये नदियां लबालब हो जाती हैं, जिसे लोग जान हथेली पर रखकर पार करते हैं. अगर गांव में कोई बीमार हो जाए, तो उन्हें अस्पताल तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता. ऐसे में समय पर इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की जान पर बन आती है.
सरकारी योजनाओं से महरूम
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल पाता. स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालय भी अधर में लटके पड़े हैं. लोगों ने बताया कि इंदिरा आवास की राशि और पेंशन का भी भुगतान उन्हें नहीं हुआ है. ऊपर से राशन लेने के लिए भी करीब 10 किलोमीटर दूर नदी पार करके जाना पड़ता है.
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि अपनी समस्याएं उन्होंने जनप्रतिनिधियों से की, ग्राम सुराज और लोग सुराज में आने वाले अधिकारियों से भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में वे काफी मुश्किलों से अपने दिन गुजारने को मजबूर हैं.
गांववालों की मांग है कि नदी पर पुल बनाया जाए और उनकी बाकी समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द कदम उठाए जाएं.
इधर शिवसेना के जिला प्रभारी विपिन तिवारी ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को दूर किया जाएगा और इस बारे में वे अधिकारियों से बात करेंगे.