इन्द्रपाल सिंह नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़तरी देखी जा रही है। लेकिन लोगों के बीमार होने का कारण गर्मी नहीं बल्कि पानी है और वो भी सरपंच और सचिव की लापरवाही की देन है। जिसके कारण गांव के हर घर में मरीज निकल कर सामने आ रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में दहशत का माहौल है।
मामला नर्मदापुरम के माखननगर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम काजलखेड़ी और मानागांव का है। जहां इन दिनों पेट दर्द और बुखार के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। इसका कारण यहां का पानी बताया जा रहा है। पीएचईडी लैब की जांच रिपोर्ट में इन गांव के पानी को पीने योग्य नहीं माना है। जिसके कारण सभी उम्र के लोगों में पेट दर्द व तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, घबराहट होने की समस्या सामने आ रही है। गांव के हर घर में मरीज निकलने के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। कुछ लोग स्थानीय तो कुछ मरीज बाहर के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले इन गांव से पानी के सेंपल लेकर उसकी जांच के लिए भोपाल लैब भेजा गया था। पानी की जांच में पाया गया था कि यह पानी पीने के लिए नहीं है, इसके साथ ही इसका अन्य किसी के लिए भी उपयोग नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पंचायत के सरपंच एवं सचिव को बताया था। सचिव को अधिकारियों ने कहा था कि पानी की टंकी की सफाई कराई जाए, लेकिन उनके द्वारा लापरवाही की गई और टंकी की सफाई नहीं कराई गई।
साथ ही सरपंच और सचिव ने कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी नहीं कराया। सरपंच और सचिव की इस लापरवाही का खमियाजा ग्रामीणों को बीमार होकर उठाना पड़ रहा है। गांव के अधिकांश लोग बुखार और पेट दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं। मानागांव ओर काजलखेड़ी में स्वास्थ्य टीम सभी घरों में पहुंचकर बीमारों को उपचार दे रही है।
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