पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जनपद पंचायच के सदस्य और महिला बाल विकास विभाग के सभापति देवी सिंह मांझी की एक व्हाट्सएप पोस्ट वायरल होते ही हड़कंप मच गया. इसे लेकर जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल और उपाध्यक्ष ने थाने पहुंचकर देवी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

व्हाट्सएप पोस्ट में लगाए गए थे गंभीर आरोप

दरअसल 25 सितंबर को व्हाट्सएप में लिखे पोस्ट में आरोप लगाया गया था कि मनरेगा योजना के तहत 72 सड़कों के मुरमीकरण के काम में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. केवल पंचनामा करके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 2 सदस्यों ने घोटाला किया. वहीं जनपद पंचायत से जानकारी मांगने पर भी जानकारी नहीं दी गई.

व्हाट्सएप पोस्ट में ये भी लिखा गया कि आत्मानंद वाचनालय, कदलीमुडा गौसेवा के नाम पर खर्च हुई एक करोड़ की राशि की जानकारी भी नहीं दी जा रही है. देवीसिंह मांझी ने महिला सदस्यों की उपेक्षा और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है.

जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने पुलिस से की शिकायत

इधर वायरल पोस्ट से नाराज जनपद पंचायत की अध्यक्ष नेहा सिंघल और उपाध्यक्ष देशबंधु नायक ने जनपद सदस्य देवी सिंह मांझी के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है. नेहा सिंघल ने कहा कि इस व्हाट्सएप पोस्ट को लेकर जनपद सदस्यों की बैठक हुई थी, जिसमें थाने में शिकायत दर्ज करने का फैसला लिया गया. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को भी झूठा बताया और कहा कि वे खुद एक महिला हैं, तो भला महिला सदस्यों की उपेक्षा कैसे कर सकती हैं.

नेहा सिंघल ने ये भी कहा कि 72 सड़क को लेकर कई कोई शिकायत नहीं हुई. 15 से 20 सड़कों में भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी, जिसकी जांच की जा रही है. मामले में 47 लाख रुपए का भुगतान भी रोका गया है. उन्होंने कहा कि आत्मानंद वाचनालय और गौसेवा के नाम से कोई फंड रिलीज ही नहीं हुई है. नेहा सिंघल ने देवी सिंह मांझी पर मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.

इधर देवभोग के थाना प्रभारी पीपी सिंह ने कहा कि उन्हें देवी सिंह मांझी के खिलाफ शिकायत मिली है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि जनपद पंचायच के सदस्य और महिला बाल विकास विभाग के सभापति देवी सिंह मांझी ने 25 सितंबर को पोस्ट भेजने के करीब आधे घंटे बाद ही पोस्ट के लिए माफी भी मांग ली थी.