लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव का बेसब्री से लोगों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। यूपी में निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण को लेकर बने आयोग ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय होगा। बता दें कि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर अपनी 305 पन्नों की रिपोर्ट सौंप दी है। ये रिपोर्ट आज कैबिनेट बैठक में पेश की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर चुनाव में आरक्षण पर फैसला होगा। यूपी निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। आरक्षण लागू करने के साथ ही जल्द चुनाव की तारीखों का ऐलान भी किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश की 760 नगर निकायों में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षद सीटों के लिए बीते साल दिसंबर में ही चुनाव होना था।राज्य सरकार ने निकाय चुनाव के लिए सीटों का आरक्षण भी जारी कर दिया था,लेकिन आरक्षण को लेकर मामला हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया तो यूपी सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने रिटायर्ड जज राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन किया था जिसने अपनी सर्वे रिपोर्ट अब सरकार को सौंप दी है।

ओबीसी आयोग के सर्वे की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास विभाग की ओर से इसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 31 मार्च तक का समय दिया था,लेकिन आयोग ने उससे पहले ही योगी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। यूपी सरकार आयोग की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण और निकाय चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगेगी।

सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद यूपी में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में योगी सरकार नए तरीके से सीटों के आरक्षण का काम शुरू करेगी,जिसमें ओबीसी के लिए 27 फीसदी और 22 फीसदी सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित की जाएंगी। इसके अलावा निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए भी 35 फीसदी आरक्षण का नियम है।हर वर्ग में महिलाओं के लिए 35 फीसदी सीटें आरक्षित करनी होंगी।

मार्च के आखिर तक निकाय चुनाव के लिए सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर इसमें आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे और इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल और मई में नगर निकाय चुनाव हो सकते हैं।योगी सरकार कई बार अप्रैल और मई में निकाय चुनाव कराने के संकेत दे चुकी है।इसलिए माना जा रहा है कि ओबीसी आयोग की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद चुनाव प्रक्रिया में तेजी आएगी।

यूपी में नगर निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है।आयोग ने भी अप्रैल और मई में निकाय चुनाव कराने को लेकर तैयारी तेज कर दी है। यूपी राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विस्तृत कार्यक्रम तय कर दिया है। 10 मार्च से पुनरीक्षण की कार्यवाही शुरू होगी और एक अप्रैल को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। एक जनवरी 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता सूची में नाम शामिल करा सकते हैं।

योगी सरकार पहले से ही अप्रैल और मई में चुनाव कराने के संकेत देती रही है और अब राज्य निर्वाचन आयोग ने भी मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया है। 762 निकायों में चुनाव के लिए मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन 10 मार्च तक किया जाना है और उसके बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू हो जाएगा।मतदाता सूची में नाम जोड़े जाएंगे और फिर फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। इससे साफ जाहिर होता है कि अप्रैल और मई में निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

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