राजस्थान. राजस्थान के बाड़मेर में जहां तक नजर दौड़ाओ वहां तक चटख रंगों से लवरेज राजस्थानी लोकरंग की छटा देखने को मिल रही है. कहीं राजस्थान की शान जोधपुरी साफे से सजे बांके नौजवान हैं, तो कहीं सतरंगी चुनरी के पल्लू से झांकती गांव की गोरी. इसके साथ रेगिस्तान के जहाज ऊंट से लेकर राजस्थान के लोकनृत्य घूमर तक की खूबसूरती भी शहर की लम्बी-चौड़ी सड़कों से लेकर तंग-गलियों की दीवारों पर नजर आ रही है. बाड़मेर शहर की गली-मोहल्लों की दीवारें यहां आने वालों को “खम्मा घणी” बोलकर स्वागत करती नजर आ रही हैं.

दीवारों पर राजस्थान की कला

शहर की सड़कों के किनारे की दीवारें कई जगह इतनी बदरंग थी कि लोग उसका उपयोग मूत्रालय के तौर पर करते थे. इन दीवारों के हालात बदलने और लोगों को अच्छा महसूस कराने के उद्देश्य से ही इन दीवारों की मरम्मत और इन पर राजस्थान की अमिट छाप अंकित की गई है. Read More – हमारे दांतों को कमजोर करके नुकसान पहुंचाती हैं ये चीजें, नियमित खाने से करें परहेज …

आज बाड़मेर की सार्वजनिक दीवारों पर राजस्थान की कला, संस्कृति, खान-पान, लोकरंग, लोक संगीत और यहां की अनूठी विरासत को बेहद आकर्षक रंगों से उकेरने का काम हुआ है. Read More – 55 साल की उम्र में 20 का दिखता है ये Model, Physique देख हैरान हैं लोग, ऐसे रखते हैं खुद Fit …

शहरवासी अब दीवारों को रखेंगे खूबसूरत

जैसे ही दीवारों को इतना खूबसूरत बना कर नया आवरण और नया रंग रूप दिया गया है, तो लोगों के मन मे भी इन्हें संरक्षित रखने की भावना प्रबल हो रही है. इन दीवारों पर सजी राजस्थान की संस्कृति को देखकर लोगों के मन मे भी इन्हें गन्दा ना करने का भाव आना स्वाभाविक ही है. यकीनन अब बाड़मेर के लोग भी इन दीवारों को देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे और हो भी क्यों ना जिस जगह पर पधारों म्हारे देश की भावना हर एक शख्स के मन में हो वह जगह बाड़मेर की हर दीवार जब “खम्मा घणी” कह रही है तो भला इससे सुखद क्या होगा.