अलंकार तिवारी,अंबिकापुर. अस्पताल में लोग अपनी तकलीफ दूर करने जाते हैं, लेकिन अगर अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के चलते लोग परेशान हो जाएं तो इसे क्या कहा जाए. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में,जहां एक महिला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए 20 घंटे तक पड़ रहा. लेकिन उसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं था.दरअसल सूरजपुर जिले के ग्राम चंदननगर की रहने वाली 30 साल की अनिता का प्रसव जिला अस्पताल में हुआ था. जहां प्रसव के दौरान ही उसके बच्चे की मौत हो गई थी,और महिला की हालत गंभीर बनी हुई थी. जिसे देखते हुए डॉक्टरों ने उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था.
इस दौरान मृतक अनिता की स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था. जिसके बाद मृतिका का शव पोस्टमॉर्टम के लिए मरचुरी में ही पड़ा रहा. इसकी सूचना महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को भी दी,लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. परिणाम यह रहा कि परिजनों घंटों इंतजार करते रहे.
महिला डॉक्टर ही नहीं…..
मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जो बयान दिया है वो चौकाने वाला है. प्रबंधन के अनुसार अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर नहीं है जिसके कारण शव का पोस्मॉर्टम नहीं हो सका. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिले के इतने बड़े अस्पताल में महिला डॉक्टर क्यो नहीं है ? क्या इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को पहले से नहीं थी ?
आपको बता दें कि प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों के लापरवाही के अलग-अलग मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. लेकिन इस पर अब तक स्वास्थ्य महकमे ने ध्यान नहीं दिया है.