लोकेश प्रधान, बरमकेला. एक तरफ जहां देश से लेकर प्रदेश तक स्वच्छ भारत की बात की जा रही है. यहां तक की पूरे देश में खुले में शौच से मुक्ति की मुहिम चलाई जा रही है. लाखों खर्च कर प्रचार-प्रसार किया गया. लोगों को जागरूक किया गया और टायलेट बनवाने के लिए प्रेरित किया गया. वहीं दूसरी ओर सरिया नगर पंचायत ने जनता के लिए एक अदद सार्वजनिक सुलभ शौचालय बनवाने में ध्यान नहीं दिया.
यह कितनी शर्मनाक बात है कि राज्य शासन ने नगर पंचायत सरिया को ओडीएफ घोषित भी कर दिया है. मजे की बात यह है कि अभी नगर पंचायत के सभी वार्डो में शौचालय निर्माण का काम पूरा भी नहीं हुआ है. फिर इतनी क्या जल्दी थी कि नगर पंचायत के अफसर व जनप्रतिनिधियों ने खुले में शौच मुक्त नगर बना दिया. खैर नगरवासियों को अधूरे शौचालय निर्माण की वजह से ओडीएफ घोषित हो जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, मगर नगर में एक सार्वजनिक शौचालय नहीं होने की वजह से बस में सफर करने वाले महिला मुसाफिरों को ज्यादा परेशानी होती है.
आपको बता दें कि सरिया नगर दो राज्यों को जोड़ती है. ओड़िशा व छत्तीसगढ़. ये दोनों राज्यों के लिए यह महत्वपूर्ण कड़ी है. छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के लोगों के अलावा जशपुर के लोग सरिया से ही होकर प्रदेश की राजधानी की कूच करते हैं. वहीं ओड़िशा आने जाने के लिए सरिया से ही गुजरना पड़ता है. आने जाने का प्रमुख साधन बस ही है. रोजाना करीब 5 से 10 हजार यात्रियों को यहां से गुजरना होता है. जब बस सरिया गांधी चौक में आकर रूकती है तो महिला यात्री सार्वजनिक शौचालय की पूछ परख करते हैं. मगर नगर पंचायत की लापरवाही की वजह से लोगों के पास इसका कोई जवाब नहीं होता. मजबूरन में यात्रियों को खुले का सहारा लेना पड़ता है.
जब एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं कर सकते तो फिर ये दिखावे का स्वच्छ भारत अभियान आखिरकार किसके लिए है. स्थानीय लोगों ने महिला यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखकर यहां के अध्यक्ष व सीएमओ से कई दफा शौचालय की मांग की है, लेकिन इनके द्वारा केवल झूठे आश्वासन ही दे दिए जाते है.