कोंडागांव. नगरपालिका की सत्ता में बड़ा बदालाव होने जा रहा है. अब तक पालिका में भजपा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित हैं लेकिन अब यहां सत्ता पलटने का खेल शुरू हो गया है और सत्ता पलटने का काम खुद भाजपा पार्षद ही कर रहे है.
सत्ता पलटने की इस लड़ाई में भाजपा पार्षदों का साथ कांग्रेस के पार्षद भी दे रहे है. मिली जानकारी के अनुसार अभी कोंडागांव नगरपालिका परिषद में कुल 22 पार्षद है. इनमें 8 कांग्रेस के तो 14 बीजेपी के पार्षद है. दो साल पहले भाजपा ने इन्हीं 14 पार्षदों के दम पर हेमकुंवर पटेल को अध्यक्ष और जसकेतु उसेंडी को उपाध्यक्ष बनाया गया था. चूंकि यह सीट महिलाओं के आरक्षित थी ऐसे में जसकेतु उसेंडी जो पूर्व मंत्री लता उसेंडी के भाई हैं उन्हें अध्यक्ष न बनाते हुए उपाध्यक्ष बनाया गया था.
इस बीच सबकुछ ठीक-ठाक था. लेकिन कुर्सी के दौड़ पूरी होते ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की दूरी अपने पार्षदों से बढ़ने लगी और यह दूरी नाराजगी का कारण बनी. भाजपा पार्षदों की इस नाराजगी का असर यह हुआ कि भाजपा के 14 में से 7 पार्षद अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव ले आए.
प्रस्ताव के बाद ज्यादातर पार्षद अज्ञातवास पर
इधर नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद से ज्यादतर पार्षद नगर में नजर नहीं आ रहे है. चर्चा ये है कि प्रस्ताव के बाद से सभी पार्षद अज्ञातवास पर हैं, कुछ चुनिंदा बड़े कांग्रेस के नेता, जो पार्षद हैं, वे ही नगर में दिख रहे है. सभी पार्षदों कहां है, इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है.
15 पार्षदों की जरूरत थी 7 कांग्रेसियों का मिला साथ
नगर पालिका कोंडागांव में कुल 22 पार्षद हैं. प्रस्ताव के लिए 15 पार्षदों की सहमति जरूरी थी. इसलिए भाजपा के 7 नाराज पार्षदों ने जब अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी कांग्रेस को दी तो कांग्रेस भी इनके साथ हो गई और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भाजपा पार्षद का साथ दिया. हालांकि कोई भी भाजपा पार्षद अभी तक कांग्रेस में शामिल नहीं हुआ है और कांग्रेस से सिर्फ भाजपा पार्षदों ने बाहरी समर्थन लिया है.
15 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा हस्ताक्षर का मिलान हो रहा है
इधर भाजपा के 7 और कांग्रेस के 8 पार्षदों ने अध्यक्ष ओर उपाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को सौंप दिया है. कलेक्टर इस प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए इस प्रस्ताव को नगरपालिका अधिकारी को सौंप दिया है. नगरपालिका अधिकारी अब प्रस्ताव में 15 पार्षदों के हस्ताक्षर का मिलान करेंगे और सबकुछ सही होने पर इसकी जानकारी कलेक्टर को देंगे. इसके बाद कलेक्टर फरवरी में फ्लोर टेस्ट या नए अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चयन के लिए वोटिंग की व्यवस्था करेंगे .
कांग्रेस-भाजपा पार्षदों के सिंडीकेट को तोड़ने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष दे सकते हैं इस्तीफा
इधर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के एक हो जाने के बाद भाजपा के पास एक बड़ा रास्ता यह है कि वह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को इस्तीफा देने कहे. इसके बाद नाराज पार्षदों को मनाकर उनके बीच से ही किसी को उम्मीदवार बनाकर चुनाव करवा ले या फिर अध्यक्ष उपाध्यक्ष के इस्तीफे के बिना ही रूठे पार्षदों को मनाकर प्रस्ताव को गिरवा दे.
सीएमओ बाले अविष्वास प्रस्ताव आया है
कोंडागांव के मख्य नगरपालिका अध्यक्ष सूरज सिंह ने कहा कि पाष्रदों ने जो अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को दिया था वह उन्हें मिल गया है. अभी हस्ताक्षर मिलान का काम चल रहा है. हस्तारक्षर मिलान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है आगे की कार्रवाही कलेक्टर ही करेंगे.