बालोद। जिले से गुरुवार को किसान द्वारा रजिस्ट्री ना होने से कीटनाशक सेवन करने की खबर सामने आई थी, जिसे कलेक्टर ने पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताते हुए खंडन किया है। कलेक्टर ने प्रेस रिलीज़ जारी कर स्पष्ट किया कि किसान रामकुमार आ. सियाराम ने किसी भी प्रकार का जहर सेवन नहीं किया है और यह मात्र अफवाह है।

कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने उक्त खबर को संज्ञान में लेते हुए जांच कराई गई, जिसके पश्चात यह जानकारी प्राप्त हुई कि रामकुमार आ. सियाराम निवासी ग्राम भुसरेंगा द्वारा उप पंजीयक गुण्डरदेही को जहर सेवन की धमकी देते हुए हकत्याग निष्पादन के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया जाना पाया गया, जबकि उसके द्वारा इसके लिए विधिवत कोई भी आवेदन कार्यालय उप पंजीयक गुण्डरदेही के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था।

घटना में राजस्व अभिलेख के संबंध में जानकारी यह है कि रामकुमार के बहन का मूल नाम रेवती है, जो राजस्व अभिलेख में इंद्राज किया गया है, राजस्व अभिलेख में भी उनकी बहन का नाम रेवती पिता सियाराम दर्ज है। आवेदक द्वारा पूर्व में सहखातेदार नाबालिग धर्मेन्द्र के फौती हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें तत्कालीन नायब तहसीलदार गुण्डरदेही द्वारा दिनांक 30 अप्रैल 2024 को दस्तावेजो की जांच कर दिनांक 26 जून 2024 को आदेश पारित किया गया। मूल नाम अनुसार ही रेवती नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया। फौती उपरांत सहखातेदारो के मध्य दिनांक 23 दिसंबर 2024 को बंटवारा आदेश पारित किया गया। जिसमें आदेश उपरांत आवेदक द्वारा उनकी बहन का मूल नाम रेवती ही दर्ज कराया गया। रामकुमार द्वारा ही बताया गया कि उसकी बहन का मूल नाम रेवती है और शादी उपरांत उनका नाम लक्ष्मी किया गया एवं आधार कार्ड में भी लक्ष्मी नाम लिखवाया गया है।

बताया गया कि स्वास्थ्यगत कारणों से राम कुमार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुण्डरदेही में भर्ती किया गया, जहां विकासखंड चिकित्सा अधिकारी के जांच पर मरीज द्वारा जहर का सेवन नहीं किया जाना पाया गया एवं प्राथमिक जांच / उपचार पश्चात स्थिति सामान्य होने पर चिकित्सा अधिकारी द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया। प्रथम दृष्टया उक्त घटना में राजस्व रिकार्ड एवं आधार कार्ड में नाम परिवर्तित होने के कारण विभागीय नियमों के तहत रजिस्ट्री न होने की जानकारी उप पंजीयक द्वारा आवेदक को दी गई है।