एक किसान ने भतीजी की शादी के दौरान कर्ज वसूली की टीम के तकादे और बेइज्जती से आहत होकर अपनी जान दे दी. भतीजी की शादी के तत्काल बाद अपमानित किसान सहकारी समिति पहुंचा और जहर खा लिया. जहर खाने की वजह से किसान की वहीं पर मौत हो गई. किसान के शव को झालू सहकारी समिति में रखकर परिजनों और किसानों ने हंगामा किया और मुआवजे की मांग की है.

पूरा मामला बिजनौर का है. गांव हसनपुर जट निवासी रेवती पुत्र भरता ने झालू जाटान सहकारी समिति से 2016 में 99,600 रुपए का कर्ज लिया था. कर्ज की वसूली के लिए बृहस्पतिवार को सहकारिता विभाग की टीम किसान के घर पहुंच गई. किसान रेवती के परिवार में भतीजी की शादी थी. टीम ने मेहमानों के सामने कर्जा अदायगी का दबाव बनाया. उस वक्त मेहमानों और परिवार के लोगों ने टीम की मनुहार करते हुए शाम तक समिति में पहुंचने का आश्वासन देकर लौटा दिया लेकिन मेहमानों के बीच बेइज्जती से आहत किसान ने गुरुवार को सहकारी समिति में पहुंचा और जहरीला पदार्थ खा लिया. जिसके बाद सहकारी समिति के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद लोगों ने एंबुलेंस से किसान को बिजनौर के एक अस्पताल पहुंचाया. जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया. किसान ने मेरठ ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इसके बाद शुक्रवार सुबह ही परिजन और ग्रामीण किसान का शव लेकर सहकारी समिति में पहुंच गए.

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इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने भी सहकारी समिति के कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही सहकारी समिति के अधिकारियों पर तमाम आरोप लगाए. प्रदर्शन में शामिल किसानों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों से उचित मुआवजा दिलाने को लेकर कर्ज वसूली के लिए पहुंची टीम के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई थी. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया.