दुर्ग। केंद्रीय जेल में निरुद्ध विचाराधीन कैदी की उपचार के दौरान मेकाहारा अस्पताल में मौत हो गई. तीन दिन पहले कैदी को अस्पताल में भर्ती कराए जाने पर परिजनों ने मारपीट का आरोप लगाता हुए पुलिस चौकी में हंगामा मचाते हुए पथराव किया था. अब कैदी की मौत के बाद पुलिस ने मारपीट को पूर्णतया भ्रामक, बेबुनियाद और निराधार बताते हुए मजिस्ट्रियल जांच की बात कही है. यह भी पढ़ें : पुलिस-नक्सली मुठभेड़ 10 नक्सली ढेर : सीएम विष्णुदेव साय ने जवानों को दी बधाई, कहा- बस्तर में लौटा शांति, विकास और प्रगति का दौर …
बता दें कि तीन दिन पहले लूट के मामले में करीब एक महीने पहले जेल में दाखिल किये गए आरोपी पिंटू नेताम की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल दाखिल किया गया था. इससे गुस्साए डेरा बस्ती के लोगों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए स्मृति नगर पुलिस चौकी में जमकर हंगामा मचाते हुए पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया था. घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. आखिरकार भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा था.
कैदी की मौत के बाद सीएसपी सत्य प्रकाश ने बताया कि थाना सुपेला अंतर्गत चौकी स्मृतिनगर में लूट के प्रकरण में फरीदनगर डेरा निवासी आरोपी पिंटू नेताम को 18 अक्टूबर को अन्य दो आरोपियों के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था. आरोपी पिंटू नेताम 18-10-24 से केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध था. गिरफ्तारी के लगभग 28 दिन बाद 15 नवंबर को अचानक उसका ब्लड प्रेशर लो होने पर उपचार के लिए दुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
स्थिति सामान्य होने के बाद उसे 17 नवंबर को वापस जेल भेज दिया गया था. लेकिन 18 नवंबर को पुन: उसका ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने उपचार हेतु रायपुर स्थित मेकहारा अस्पताल में एडमिट कराया था. जहां उपचार के दौरान 21 नंवबर को उसकी मृत्यु हो गई.
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