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एक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में कहा गया है कि, राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा 2021 में कुल 3,745 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2020 में 3,123 मामलों की तुलना में 19.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 3,745 मामलों में से, अधिकतर- 67.6 प्रतिशत ‘ट्रैप मामले’ (2,532) थे, इसके बाद 13.6 प्रतिशत आपराधिक कदाचार (511 मामले) थे.
राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार से संबंधित 773 मामलों के साथ महाराष्ट्र राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है. राजस्थान कुल 501 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर था, जबकि तमिलनाडु 423 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर था.
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वहीं वर्ष 2021 में दिल्ली में दी गई श्रेणी के तहत केवल 12 मामले दर्ज किए गए हैं. जहां तक भ्रष्टाचार के आरोप वाले मामलों के मुकदमे और दोषसिद्धि का संबंध है, एनसीआरबी के आंकड़ों में कहा गया है कि वर्ष 2021 में परीक्षण के लिए 28,991 मामले थे और वर्ष के दौरान कुल 450 मामलों में दोष सिद्ध हुआ था. आंकड़ों के अनुसार, दी गई श्रेणी में लंबित मामलों का प्रतिशत 95.2 प्रतिशत था.
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