फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। इसके अलावा संस्था ने बड़ा बयान भी दिया। संस्था ने कहा कि ये आतंकी हमले बिना पैसों के आदान-प्रदान के संभव नहीं हो सकते थे। FATF ने कहा कि यह हमले, बिना पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच धन के लेन-देन के साधनों के बिना नहीं हो सकते थे।

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FATF ने क्या कहा?

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार FATF ने एक बयान में कहा, “आतंकवादी हमले दुनिया भर में लोगों की जान लेते हैं, उन्हें अपंग बनाते हैं और भय पैदा करते हैं। FATF ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले पर गहरी चिंता जताई है और इसकी निंदा की है। यह और अन्य हालिया हमले बिना पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच धन के लेन-देन के साधनों के बिना नहीं हो सकते।”

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‘सिर्फ बंदूक और बारूद से नहीं होते ऐसे आतंकी हमले’

FATF ने कहा कि ऐसे आतंकी हमले महज बंदूकों और बारूद से नहीं होते, बल्कि इनके पीछे एक गहरा और संगठित फाइनेंसियल नेटवर्क होता है, जो पैसों के सहारे आतंकवाद को जिंदा रखता है। FATF ने टेरर फंडिंग से निपटने के लिए रूपरेख तैयार करने और विभिन्न देशों की ओर से उस उपाय को अपनाए जाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि जब तक आतंकवाद पर यह पैसा बहता रहेगा तब तक आतंक का चेहरा बदलता रहेगा।

बता दें कि, पिछले कई सालों से FATF दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों को आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए गाइडलाइन दे रहा है, जिसमें बैंकिंग सिस्टम की निगरानी, सोशल मीडिया, क्राउड फंडिंग या क्रिप्टो जैसी नई तकनीकों के दुरुपयोग से जुड़ी चेतावनियां शामिल हैं।

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ब्रिक्स संसदीय फोरम में भी पहलगाम हमले की हुई निंदा

हाल ही में ब्रिक्स संसदीय फोरम में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की गई। इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जीरो टॉलरेंस और वैश्विक एकता की आवश्यकता पर सहमति जताई गई।

क्या ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाएगा पाक?

FATF की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत लगातार पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने और हथियारों की खरीद के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता को हासिल करने में कथित भूमिका को उजागर कर रहा है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पाकिस्तान की गतिविधियों के कारण उसे एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस लाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जाने की जरूरत है।

25 अगस्त को एशिया प्रशांत समूह (APG) की बैठक और 20 अक्टूबर को FATF के पूर्ण अधिवेशन और कार्य समूह सत्रों की बैठक होने वाली है। इसमें भारत FATF के धन शोधन और आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी दिशा-निर्देशों के तहत पाकिस्तान के कथित उल्लंघनों और चूकों पर एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रहा है। भारत ने इन बैठकों में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डालने के लिए औपचारिक रूप से दबाव बनाने की योजना बनाई है। वर्तमान में 24 देश FATF की ‘ग्रे सूची’ में हैं।

पाकिस्तान पहले भी ग्रे लिस्ट में रह चुका है। फरवरी 2008 में पहली बार इस सूची में शामिल किए जाने के बाद पाकिस्तान को जून 2010 में सूची से हटा दिया गया और फरवरी 2012 में फिर से सूची में शामिल कर लिया गया। फरवरी 2015 में इसे फिर से सूची से हटा दिया गया लेकिन जून 2018 में इसे फिर से सूची में शामिल कर लिया गया और अक्टूबर 2022 तक जांच के दायरे में रहा।

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