रायपुर. वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, भवन अथवा मंदिर बनवाते समय वास्तु शास्त्र का बहुत ध्यान रखा जाता है, जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है. जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है, उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु है. वास्तु के नियमों का पालन करने से घर में सुख शांति बनी रहती है. इससे घर में खुशहाली बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा यानी नैतृत्य कोण को यम देवता की दिशा माना जाता है.

जो लोग वास्तु में विश्वास रखते हैं, तो उन्हें यह जरूर जानना चाहिए कि वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में किन चीजों को नहीं रखना चाहिए. दरअसल वास्तु में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा भी कहा जाता है और यहां कुछ चीजें रखने से घर के सदस्यों को पितृदोष लग सकता है. चलिए जानते हैं कि दक्षिण दिशा में क्या क्या नहीं रखना चाहिए.

तकनीकी चीजें और मशीनें

दक्षिण दिशा में इलेक्ट्रृॉनिक सामान और मशीनों को कभी नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने पर घर की चीजें खराब होना शुरू हो जाती हैं और घर परिवार के बीच रिश्तों में भी दूरियां आने लगती हैं.

पूजा घर

मंदिर को हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए. भूलकर भी घर के मंदिर को दक्षिण दिशा में ना रखें. इससे पूजा का फल नहीं मिलेगा और साथ ही आपकी मनोकामनाएं भी पूरी नहीं हो पाएंगी.

बेडरूम

बेडरूम में दांपत्य जीवन को सही और खुशहाल बनाना है तो बेडरूम को दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं वास्तु के अनुसार बेडरूम का बिस्तर भी दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. इससे पति पत्नी के बीच रिश्ते खराब होते हैं और अनिद्रा की समस्या हो सकती है.

रसोई घर

रसोई घर को भी दक्षिण दिशा में नहीं बनवाना चाहिए. इससे घर के सदस्यों की सेहत खराब होता है और अन्न कम होने लगता है. ऐसे में धन का आगमन भी रुकता है और घर में नकारात्मकता हावी होती है.

जूते-चप्पल

चूंकि वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा कहा गया है इसलिए इस दिशा में जूते चप्पल या शू रैक नहीं होना चाहिए. इससे पितरों का अपमान होता है और पितृ दोष लगने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में घर में छोटी छोटी बातों पर कलह होती है और घर की की सुख-शांति बिगड़ सकती है. इसलिए दक्षिण दिशा में शू रैक ना रखें.

तुलसी का पौधा

घर में तुलसी का पौधा है तो उसे दक्षिण दिशा में ना रखें. यह पितरों की दिशा होती है और तुलसी का पौधा यहां पर लगाने से आपको फायदे की बजाय नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहेगी.