दुर्ग. छग के जनपद पंचायत धमधा के ग्राम संडी में ग्यारह स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं. यहां की अच्छी बात यह है कि सभी समूह अलग-अलग तरह के कार्यों में लगे हुए हैं. इस पर भी और अच्छी बात यह है कि एक ही स्व-सहायता समूह अलग तरह के उत्पाद बना रहा है. इन महिलाओं ने गांव के गौठान को आजीविकामूलक गतिविधियों के केंद्र के रूप में स्थापित किया है. गौठान की दो एकड़ बाड़ी में इन्होंने पिछले सीजन में फूल गोभी लगाई. यह फसल लगभग 3 महीने रही.

चालीस हजार रुपए की लागत आई और लगभग एक लाख बीस हजार रुपए की फूल गोभी इन महिलाओं ने बेची. उन्होंने बताया कि कीड़ा लग जाने की वजह से फूल गोभी की फसल कुछ खराब हुई नहीं तो और बेहतर लाभ अर्जित होता. इस सीजन में वे पत्ता गोभी और कल्याणी प्रजाति की बैंगन के बीज रोप रही हैं. इस तरह साल भर की बाड़ी का प्लान इन महिलाओं का है. अपनी बाड़ी के संबंध में बताते हुए जय मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष अलिशा बंजारे ने बताया कि हमारी बाड़ी की पूरी सब्जी अहिवारा के बाजार में बिक जाती है. हम लोग जैविक खाद का उपयोग करते हैं जिसकी वजह से इसका रेट भी अच्छा मिलता है. साथ ही हम लोगों ने नैपियर घास भी उगाया है ताकि गांव के पशुओं को अच्छा आहार मिल सके.

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समूह की सक्रिय महिला सदस्य गंगा बाई निषाद ने बताया कि हम लोगों ने स्वयं को केवल एक गतिविधि तक सीमित नहीं रखा. स्लीपर्स बनाने की मशीन उन्होंने बिहान के माध्यम से लोन में प्राप्त की. अब हर महीने इस मशीन के माध्यम से 10 हजार रुपए की कमाई कर लेते हैं. स्लीपर के लिए हमें बाजार की तलाश भी नहीं करनी पड़ती. जिस कंपनी से हमने मशीन खरीद है वही स्लीपर भी खरीद लेती है. हर दिन लगभग सौ स्लीपर बनाकर इसका विक्रय हम कर लेते हैं. गौठान में कार्यरत स्व-सहायता समूह वर्मी खाद का उत्पादन कर रहे हैं. इन्होंने 359 क्विंटल खाद का निर्माण किया है. इसके अलावा गौठान में मुर्गीपालन भी किया जा रहा है.

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जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि संडी के गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों का बेहतर काम हो रहा है. अब यहां डबरी में भी मत्स्यपालन की गतिविधियां शुरू की जाएंगी. उल्लेखनीय है कि संडी के गौठान में फलदार पौधे भी रोपित किए गए हैं. शीघ्र ही पौधों के बड़ा होने पर पूरा गौठान फलदार पौधों से गुलजार हो जाएगा.