रायगढ़। कोरोना ने विश्व के लगभग सभी देशों को अपने चपेट में ले लिया है. भारत भी इस खतरनाक वायरस से अछूता नहीं है. देश में बड़े तेजी से वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है. मेडिकल स्टाफ के अलावा अगर कोई इस वायरस से लड़ रहा है तो वह है पुलिस प्रशासन, जो कि दिन रात हर क्षेत्र में पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और संक्रमण को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. रायगढ़ जिले में महिला अधिकारी, कर्मचारी, महिला नगर सैनिक विशेष भूमिका निभा रही हैं.
फील्ड में ड्यूटी करने वाले कुल 1250 के बल में महिला अधिकारी एवं कर्मचारियों की संख्या 119 है. जिसमें एक महिला उप पुलिस अधीक्षक 01, प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक 02, निरीक्षक 06, उपनिरीक्षक 02, सहायक उपनिरीक्षक 03 एवं 105 महिला आरक्षक एवं महिला प्रधान आरक्षक का बल है. एसपी संतोष सिंह ने जिले के 4 थानों की कमान महिला अधिकारियों को सौंपी हैं. जो कि लॉ एंड आर्डर के साथ ही अपनी पारिवारिक दायित्वों की निर्वहन भी बखूबी कर रही हैं.
जिले में हाल ही में राज्य पुलिस सेवा की दो महिला अधिकारी प्राशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक अंजु कुमारी और ज्योत्सना चौधरी बताती हैं कि पुलिस डिपार्टमेंट ज्वाइन करने के पहले सुने थे कि पुलिसवाले हर किसी की मदद करते हैैं. इस लाक डाउन में ड्यूटी करते हुए सीधे आम लोगों से जुड़ कर उनकी सेवा करने का अवसर मिल रहा है. लोगों को हम संक्रमण से बचाव के बारे में समझाते हैं, लोग हमारी बात मानते भी हैं जिससे हमें काफी खुशी मिलती है. सबसे बड़े लॉ एण्ड आर्डर की ड्यूटी में एसपी सर ने हमें भी अहम जिम्मेदारी दिए हैं. हमें जनसेवा के साथ कुछ लोगों पर सख्ती भी दिखानी पड़ती है. दोनों अधिकारी सुबह 04.30 बजे पेट्रोलिंग, बाजार व्यवस्था एवं शाम को गली, मोहल्लों में बाईक पेट्रोलिंग कर सत्तीगुडी चौक में ड्यूटी पर रहती है.
उप पुलिस अधीक्षक गरिमा द्विवेदी जो पूर्व में रिक्त रहे खरसिया अनुविभाग के एस.डी.ओ.पी. खरसिया एवं IUCAW दोनों जगह की चार्ज में थी. लॉक डाउन दौरान विभिन्न जिलों व राज्यों में फंसे रायगढ़ के रहवासियों तक मदद पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी एसपी रायगढ़ द्वारा उन्हें सौंपी गई है. वे सुबह 04.30 बजे से फील्ड में और देर रात तक विभिन्न राज्यों के हेल्पलाइन और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर दीगर राज्यों में फंसे रायगढ़ के रहवासियों को मदद दिलाने में लगी रहती हैं.
जिले के सरिया में पदस्थ निरीक्षक अंजना केरकेट्टा और थाना लैलूंगा में पदस्थ टी.आई. किरण गुप्ता दोनों ही लॉक डाउन में प्रतिदिन ओडिसा बार्डर तक पेट्रोलिंग करती है एवं क्षेत्र के जरूरतमंदों को कोई परेशानी होने नहीं दे रही है तो वहीं थाना धरमजयगढ़ में पदस्थ निरीक्षक मनोरमा कुर्रे द्वारा अस्थायी कैम्पों के श्रमिकों को राहत पहुंचाया जा रही है. थाना अजाक की टी.आई. संतोषी ग्रेस सुबह 04.30 बजे से बाजार, हाट में महिला स्टाफ के साथ व्यवस्था बनाने में जुटी रहती है. इन महिला अधिकारियों को अपने परिवारजनों के लिए समय निकालना ही इनकी एक और बड़ी ड्यूटी होती है.
सबसे व्यस्तम थानों में से एक थाना कोतवाली में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक समुन्द रनकर जिसका एक 03 साल का एक छोटा बेटा है. वो बताती हैं कि परिवार और ड्यूटी में तालमेल रखना पहले से काफी मुश्किल था और अब यह कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच काम करना काफी परेशानी भरा है. जैसा कि टी.वी. में देखते हैं यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है तब घर परिवार वालों की चिंता होती है. हम लोग तो फील्ड में ड्यूटी करते हुए कई जगहों पर जाते हैं, कई लोगों से मिलते हैं फिर घर जाने के बाद बच्चे इसके संक्रमण में ना आए इसके लिए सावधानी बरतना पड़ता है.
महिला आरक्षक तारामणि एक्का जो रक्षित केंद्र में पदस्थ है 6 माह के प्रसूति अवकाश के बाद फिर से ड्यूटी ज्वाइन की है. छोटे बच्चे को घर में घर वालों के पास छोड़ 12 से 14 घंटे फील्ड पर ड्यूटी करती है. दूध मुहे बच्चे को घर पर छोड़ नहीं सकती और इस संक्रमण के बीच ड्यूटी पर लाना भी नहीं चाहती. ऐसी कई और भी महिला स्टाफ है जिनके सामने अपने परिवारजनों के लिए समय देना और अपनी ड्यूटी निभाना इन दोनों के बीच सामंजस्य बनाना काफी चुनौती भरा होता है.
नगर सेना रायगढ़ से महिला नगर सैनिकों की ड्युटी दोपहर 12:00 बजे से रात 07:00 बजे प्रमुख चौक चौराहों में जिला बल, सशत्र बल के साथ लगायी जा रही है. दोपहर के वक्त जब शहरवासी ए.सी. कूलर में अपनों के साथ होते हैं, उस वक्त ये महिला नगर सैनिक के कर्मचारी तेज धूप में जहां थोड़ी छावं मिल जाये खड़ी होकर अपनी सेवाएं दे रही हैं.