प्रदीप गुप्ता,कवर्धा.  एक तरफ मुख्यमंत्री अपनी विकास यात्रा  लेकर निकले हुए हैं. वहीं दूसरी और कांग्रेस विकास खोजने निकली हुई है. पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल अलग-अलग स्थानों में जाकर विकास की चिड़िया ढूंढ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई कैसे पीछे रह सकती है. एनएसयूआई ने आज सीएम के गृह जिले में कुछ अनोखे ही अंदाज में विकास ढूंढा.

दरअसल आज एनएसयूआई कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में विकास ढूंढने जिला अस्पताल पहुंच हुए थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से पहले ही रोक दिया. इसलिए कार्यकर्ताओं ने परिसर में ही  अनोखे अंदाज में  टार्च लेकर विकास  ढूंढना  शुरू कर दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं को अस्पताल में बहुत सी कमी दिखाई पड़ी और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी उजागर हुई.

कार्यकर्ताओं ने बताया कि अस्पताल परिसर में कहीं एक्सपायरी दवाईयां हैं तो कहीं कचरे के ढे़र और गंदगी. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि अस्पताल में 7 लाख रुपए की लागत से बने वाटर एटीएम है वो भी बंद है. यहां तक कि 100 बिस्तर वाले जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भी कमी है. कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर नाराजगी जताई और कहा कि प्रदेश सरकार के विकास करने के दावे खोखले हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में सुविधाओं की भारी कमी है जिसके कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है और मरीजों को रेफर भी कर दिया जाता है.

गौरतलब है कि विकास खोजने की पूरी कहानी कुछ दिन पूर्व की है. जब पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक ट्विट कर कहा था कि यदि किसी को विकास की चिड़िया मिले तो उक्त पते पर जानकारी दे. तभी से भूपेश समेत कांग्रेस कार्यकर्ता और अब एनएसयूआई  के कार्यकर्ता  के अलग-अलग स्थानों में जाकर अनोखे ही अंदाज में विकास ढूंढने का काम कर रहे हैं.