पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद- मिलरों ने पतला किस्म समझकर जिस धान का उठाव किया है वह मोटा चावल उगल रहा. मिलर्स एसोसिएशन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर जांच की मांग की है. जिला राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष गफ्फू मेमन के नेतृत्व में आज मिलर्स ने कलेक्टर श्याम धावड़े को ज्ञापन सौंप कर अपनी समस्या से अवगत कराया है. ज्ञापन में कहा गया है कि हाल ही में उपार्जन केंद्रों से मिलर्स ने मोटा व पतला दोनों किस्म के धान का उठाव किया था.
मिलिंग के बाद चावल एफसीआई को दिया जा रहा है, लेकिन पतला किस्म के धान से मिलिंग हुई ज्यादातर चावल के लॉट रिजेक्ट किया जा रहा. इन चावल में मोटा किस्म की मात्रा तय अनुपात से ज्यादा निकलने के कारण लॉट रिजेक्ट हो रहा है. इससे मिलर्स को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. मिलर्स ने समिति में हुई खरीदी पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने ने मामले में कमेटी गठित कर जांच करने की मांग की है. खरीदी केंद्रों से उठाव किये गए धान के सैंपल भी वे साथ लेकर आये थे. मिलर्स अपने समस्या को बताते हुए कहा है कि मिल के तकनीकी में अब तक ऐसी कोई मशीन भी नहीं बनी है जो मिक्स होकर आए धान को अलग-अलग कर सके.
96 हजार क्विटल पतला किस्म का उठाव हुआ है
आपको बता दें कि जिले भर के 15 से भी ज्यादा मिलर्स ने 96 हजार क्विटल पतला किस्म का उठाव किया है. मार्कफेड के डीएमओ से तय अनुबंध के मुताबिक मिलर्स बैंक के अगेंस्ट में एफसीआई को 65, 280 क्वी पतला चावल देना है. बताया जा रहा है अब तक 10 से भी ज्यादा पतला चावल के लॉट को फेल कर दिया गया. खरीदी के दरम्यान हुई इस बड़ी धांधली का सीधा नुकसान अब मिलर्स को उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि मिलर्स ने खरीदी के आड़ में किस्मों के साथ किये गए हेराफेरी के खिलाफ अब लामबद्ध हो गए हैं.