अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार के प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश जाकर कई लोगो को चौंका दिया। हालांकि, कई लोगो ने उनके इस कदम की आलोचना भी की जिसका जवाब उन्होंने स्वदेश लौटकर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में उनकी भागीदारी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि उनकी अपनी सोच के कारण थी। ओवैसी ने कहा कि वे देशभक्ति का सर्टिफिकेट पाने के लिए बातें नहीं करते। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के बारे में गलत धारणाओं को खत्म करने की बात कही और कहा कि मुसलमान भी बाकी भारतीयों की तरह शांति और समृद्धि चाहते हैं।

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‘मैं देशभक्ति का सर्टिफिकेट पाने के लिए बातें नहीं कहता’

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मैंने जो कुछ भी कहा, उस पर मैं सचमुच विश्वास करता हूं। मैं देशभक्ति का सर्टिफिकेट पाने के लिए बातें नहीं कहता।’ उन्होंने माना कि कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं। पर उन्होंने कहा कि ‘मुसलमानों के बारे में गलत बातें फैलाना बंद होना चाहिए।’ उन्होंने ये भी कहा कि मुसलमान भी बाकी भारतीयों की तरह ‘शांति और तरक्की’ चाहते हैं।’ मतलब, हर कोई खुश रहना चाहता है!

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‘मेरी पार्टी और मुझे अपनी रक्षा बलों पर गर्व है’

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान की हालिया टिप्पणी पर ओवैसी ने कहा कि इस बयान को राजनीतिक मंजूरी मिली हुई माननी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘CDS ने जो कहा, उसे राजनीतिक नेतृत्व द्वारा अनुमोदित बयान के रूप में देखा जाना चाहिए। वह उनकी सहमति के बिना नहीं बोल सकते। हमें सरकार से सवाल पूछने और संसद में पहलगाम पर एक बहस की मांग करने का अधिकार है।’ ओवैसी ने सशस्त्र बलों पर अपनी पार्टी का रुख भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी और मुझे अपनी रक्षा बलों पर गर्व है।’

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‘मानसून सत्र में होगी पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा’

‘पहलगाम आतंकी हमला’ के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए था या नहीं, इस पर ओवैसी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे मौके आए हैं, जब विशेष सत्र बुलाया गया था। ओवैसी ने कहा, ‘सरकार विशेष सत्र बुला सकती थी। लेकिन अब उन्होंने मानसून सत्र की तारीखों का एलान कर दिया है। हमें उम्मीद है कि पहलगाम पर तब चर्चा होगी। सरकार को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में बताना चाहिए, जवाबदेही तय करनी चाहिए और एक निवारण नीति बतानी चाहिए।’

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राहुल गांधी के ‘विवादित’ बयानों पर नहीं दिया सीधा जवाब

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयानों पर विवाद हो रहा है। इस बारे में जब ओवैसी से पूछा गया, तो उन्होंने सीधे-सीधे जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वो इस राजनीतिक झगड़े में नहीं पड़ना चाहते। ओवैसी ने कहा, ‘राहुल गांधी और उनकी पार्टी अपने बयानों को सही साबित कर सकते हैं और समझा सकते हैं। यह लोकतंत्र है – हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है। बेहतर है कि आप सीधे उनकी पार्टी से पूछें।’

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