सुधीर साहू, रायपुर. छत्तीसगढ़ के भिलाई में आज निगरानी गुंडा अमित जोश पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. वह दुर्ग जिले का एक कुख्यात बदमाश था. दुर्ग जिले में अब तक का यह तीसरा एनकाउंटर है. इससे पहले 2005 और 2010 में भी एनकाउंटर हो चुका है. 2005 में तालपुरी के समीप गोविंद विश्वकर्मा काे पुलिस ने मार गिराया था, जो महादेव हत्याकांड का आरोपी था. वहीं 2010 में नक्सली एरिया कमांडर एक लाख के इनामी नागेश और उसकी पत्नी तारा को दुर्ग पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया था.

दुर्ग जिले में अब तक तीन एनकाउंटर हो चुका है. इस बार तीसरे एनकाउंटर में पुलिस ने भिलाई के जयंती स्टेडियम के पास निगरानी बदमाश अमित जोश काे मार गिराया. इससे पहले दुर्ग में 2005 में गोविंद विश्वकर्मा का एनकाउंटर हुआ था. गोविंद, महादेव हत्याकांड का आरोपी था और वह तपन सरकार गिरोह का गुर्गा था. वर्चस्व की लड़ाई के कारण तपन सरकार के गुर्गों ने महादेव महार की हत्या की थी. वहीं 2010 में जामुल थाना क्षेत्र में इनामी नक्सली नागेश और उसकी पत्नी तारा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था.

जानिए कौन है अमित जोश

अमित जोश भिलाई के सेक्टर 6 इलाके में रहता था. भिलाई स्टील प्लांट के मकानों पर कब्जा कर उसे किराए में चलाकर अवैध वसूली किया करता था. बताया जा रहा है कि वह सनकी साइको किस्म का बदमाश था, अगर कोई भी शख्स उसकी गाड़ी को ओवरटेक कर दे, उसे थोड़ी देर भी उसकी तरफ देख ले तो वह उसके ऊपर चाकू, ब्लेड इत्यादि से हमला कर देता था. उसके खिलाफ भिलाई के कई थानों में 40 से ज्यादा मामले हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती और मारपीट के दर्ज थे. 25 व 26 जून की दरम्यानी देर रात ग्लोब चौक के पास अमित जोश और उसके साथियों ने बाइक सवार तीन युवकों पर तीन राउंड फायर किया था. इस घटना में दो युवकों को गोली लगी थी, जिन्हें मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मामले में अमित जोश के साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह फरार था.

कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में रखा कदम

बताया जा रहा है कि अमित जोश कम उम्र से ही अपराध की दुनिया में अपना कदम रख दिया था. जब उसकी उम्र 14-15 साल की थी, उस दौरान उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर भिलाई के सेक्टर 7 इलाके में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. बाल सुधार गृह से छूटने के बाद वह एक के बाद एक आपराधिक वारदात को अंजाम देता रहा. अमित जोश के खिलाफ भिलाई के कई थानों में 40 से ज्यादा मामले हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती और मारपीट के दर्ज थे.

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