बॉलीवुड में सालों से बायोपिक का चलन रहा है. देश के मशहूर लोगों पर फिल्में बन चुकी हैं. भारतीय फिल्म उद्योग ने कई खेल बायोपिक्स का निर्माण किया है और इन फिल्मों ने कई कम रेटिंग वाले एथलीटों के जीवन को अमर बना दिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि 2012 की ‘पान सिंह तोमर’ वह फिल्म थी जिसने भारत में जीवनी पर आधारित स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्मों का मार्ग प्रशस्त किया. इसके बाद जल्द ही 2013 में ‘भाग मिल्खा भाग’ और 2014 में ‘मैरी कॉम’ रिलीज हुई. कार्तिक आर्यन आखिरी बार इसी साल एक स्पोर्ट्स बायोपिक में नजर आए थे. उनकी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ पैरा ओलंपिक पदक विजेता मुरलीकांत पेडकर के जीवन इतिहास पर आधारित थी. बायोपिक्स की बात करें तो इस समय भारत में सबसे ज्यादा मांग वाली स्पोर्ट्स बायोपिक्स स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और दो बार के ओलंपियन नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की हैं।

बात करें नीरज की बायोपिक की तो दो बार के भाला फेंक पदक विजेता ओलंपियन नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) से अक्सर बायोपिक के बारे में सवाल पूछे जाते रहे हैं. नीरज के अच्छे लुक्स को देखकर उनसे अक्सर पूछा जाता था कि क्या वह फिल्मों में काम करेंगे. फिलहाल उन्होंने फिल्मों में आने की कोई इच्छा नहीं जताई है, लेकिन बायोपिक्स के बारे में बात की और बताया कि वह किसे अपना किरदार निभाते हुए देखना चाहेंगे. उनके दिल और दिमाग में पहले से ही एक अभिनेता है जिसे वह अपने किरदार के लिए परफेक्ट मानते हैं. उन्होंने अपने नाम का भी खुलासा किया है.

ये एक्टर है नीरज की पसंद

एक विशेष इंटरव्यू में, ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने अपनी बायोपिक के बारे में बात की और उस अभिनेता के बारे में बात की जो स्क्रीन पर उनका किरदार निभाने में सहज महसूस करता है. हाँ! रणवीर सिंह या रणबीर कपूर को नहीं, नीरज ने अपनी जीवनी पर आधारित स्पोर्ट्स फिल्म में अभिनय के लिए हाईवे अभिनेता रणदीप हुडा (Randeep Hooda) को चुना. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने सोमवार को ‘नवाबों के शहर’ लखनऊ का दौरा किया, जहां उन्होंने इस बारे में बात की और बताया कि उनकी बायोपिक के लिए हुडा एक अच्छी पसंद क्यों होंगी. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि इस रोल के लिए कौन सही होगा, लेकिन अभी मैं सिर्फ रणदीप हुडा (Randeep Hooda) के बारे में ही सोच सकता हूं. वह एक महान अभिनेता हैं और वह हरियाणा से हैं. जो भी किरदार निभाए उसे स्थानीय भाषा बोलनी चाहिए, ये जरूरी है.

इससे पहले दो बायोपिक्स कर चुके हैं रणदीप

26 वर्षीय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी बायोपिक तभी बने जब वह अपने देश भारत के लिए जो कर सकते हैं वह कर चुके हों. आखिरी बार ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में नजर आए रणदीप हुडा (Randeep Hooda), नीरज की बायोपिक के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं. इससे पहले भी एक्टर दो बायोपिक फिल्में कर चुके हैं. एक थे ‘सरबजीत’ और दूसरे थे ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर. इसके अलावा, रणदीप हरियाणा के रोहतक के रहने वाले हैं. हरियाणवी बोलना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है. ऐसे में यह फिल्म के लिए उपयुक्त साबित हो सकता है.