दिल्ली. देश में इन दिनों चुनावी माहौल गर्म है। ऐसे में तमाम पार्टियों के संभावित प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर दांव आजमा रहे हैं। सभी नेताओं में जीत की होड़ मची हुई है। सच भी है, चुनावी मैदान में उतरने वाला हर प्रत्याशी जीतने के लिए ही मैदान में उतरता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई प्रत्याशी केवल हारने के लिए चुनाव लड़ता है? अगर नहीं सुना है तो ये खबर आपको हैरत में डाल देगी।

इलेक्शन किंग के नाम से प्रसिद्ध यह शख्स अब तक 169 चुनाव लड़ चुका है। इनका नाम है के पद्मराजन। पद्मराजन पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और अब तक 169 चुनाव लड़ चुके हैं। मजेदार  बात यह है कि पद्मराजन कोई भी चुनाव जीतने के इरादे से नहीं लड़ते हैं और ना ही आज तक किसी भी चुनाव में जीत हासिल कर पाए हैं। उन्होंने देश के करीब सभी बड़े नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ा है।

दरअसल, पद्मराजन यह साबित करना चाहते हैं कि एक आम आदमी भी चुनाव में खड़ा हो सकता है। साथ ही पद्मराजन की इच्छा है कि गिनीज बुक में भी उनकी हार का रिकॉर्ड दर्ज हो सके।

पद्मराजन 1988 से चुनाव लड़ते और हारते आ रहे हैं। वह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, नई दिल्ली समेत कई जगहों से चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में पद्मराजन वडोदरा से नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश उनका नामांकन रद्द हो गया।

पद्मराजन चार प्रधानमंत्री, 11 मुख्यमंत्री, 13 केंद्रीय मंत्री और 15 राज्य मंत्रियों के सामने चुनाव हार चुके हैं। इसके अलावा उनके खाते में 8 राष्ट्रपति चुनाव, 35 राज्यसभा चुनाव, 28 लोकसभा चुनाव, 51 विधानसभा चुनाव और अन्य क्षेत्रीय चुनाव में हार भी शामिल हैं।

पद्मराजन का मानना है कि चुनाव लड़ने का काम तो कोई भी आम व्यक्ति कर सकता है मगर जीतता वही है जिसकी जेब में पैसे होते हैं। बताया जाता है कि वह चुनाव लड़ने में करीब 20 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं।