दिल्ली. आज के समय में ज्यादातर बच्चे सोशल मीडिया,घूमने या खेलने में अपना वक्त बरबाद कर देते हैं. इतना ही नहीं युवा भी आज के इस डिजिटल दुनिया में पूरी तरह व्यस्त हो गए हैं. लेकिन कुछ लोग दुनिया में अलग ही होते हैं,जिनके कारनामे लोग कभी नहीं भूला करते,कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.
दरअसल अहमदाबाद (गुजरात) की रहने वाली महज 12 साल की ईशा मजीठिया ने रामायण के सुंदरकांड पर आधारित 35 तस्वीरों की एक श्रृंखला प्रदर्शित कर इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस-2018 में अपना नाम दर्ज कराया है.
सुंदरकांड के पांचवें अध्याय में इन 35 तस्वीरों की मदद से सुंदरकांड की चौपाइयों को दर्शाया गया है. इन तस्वीरों को कागज पर एक्रिलिक रंग, क्रेयॉन स्याही और चारकोल द्वारा बनाया गया है. यह देश की पहली ऐसी चित्रकारी है जो तस्वीरों के माध्यम से एक शास्त्र को दर्शाती है.
बता दें कि ईशा ने इस विषय पर काम तब शुरू किया, जब वह अक्टूबर, 2012 में महज 6 वर्ष की थी और इसे मार्च, 2016 में पूरा किया तब वह 10 वर्ष की थी. उसकी श्रृंखला सितंबर, 2016 में अहमदाबाद में प्रदर्शित की गई थी और इसी दौरान ईशा के काम पर आधारित एक किताब भी रिलीज की गई थी.
इधर ईशा की मां प्रिया मजीठिया का कहना है, “इस किताब का उद्देश्य बच्चों को हमारे प्राचीन पवित्र ग्रंथों के प्रचार और संरक्षण में शामिल करना है.” इस किताब में प्रिया द्वारा भी संकलित की गई तस्वीरें हैं. किताब में सुंदरकांड का मूल पाठ है और इसका अनुवाद तीन भाषाओं-गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी में किया गया है.