केपटाउन. कहा जाता है कि तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिए ही होगा. ये बात सच होती नजर आ रही है. दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन शहर पानी के संकट का बुरी तरह सामना कर रहा है. हालात ये हो चले हैं कि स्थानीय प्रशासन ने लोगों के लिए पानी का कोटा निर्धारित कर दिया है.

केपटाउन शहर इन दिनों भीषण जल संकट से गुजर रहा है. तीन साल से पड़ रहे भयंकर सूखे के चलते शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले सभी स्रोत सूख गए हैं. जिसके चलते शहर को 40 लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ 90 दिनों का पानी बचा है.

केपटाउन अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर के टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है. दुनियाभर से लोग केपटाउन घूमने के लिए आ रहे हैं लेकिन इस वक्त केपटाउन में आने वालों की तादाद में बेहद कमी आई है. विशेषज्ञों ने घोषणा कर दी है कि मई के पहले हफ्ते तक शहर को पानी की सप्लाई शून्य हो जाएगी. लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास एक बूंद पानी नहीं बचेगा.

हालात ये हो चले हैं कि केपटाउन के स्थानीय प्रशासन ने शहर के लोगों के लिए पानी का कोटा निर्धारित कर दिया है. यहां किसी को भी रोजाना 25 लीटर से ज्यादा पानी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में लोगों के सामने खाना बनाने से लेकर पाखाना धोने तक का संकट खड़ा हो गया है. शहर में पानी की कमी का संकट किस कदर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को पुलिस फोर्स की निगरानी में पानी का बंटवारा किया जा रहा है. शहर में करीब 200 ऐसे सेंटर निर्धारित किए गए हैं जहां पर बेहद चुस्त पुलिस बल की निगरानी में लोगों को 25 लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है.

लोगों को स्थानीय प्रशासन ने पानी को एहतियात से इस्तेमाल करने के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है. पूरे शहर में पानी लेने के लिए लोगों की किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुई हैं. हालात ये है कि नालियों के पानी को रिसाइकिल करके पीने लायक बनाया जा रहा है.