प्रदीप गुप्ता,कवर्धा. लगातार सुर्खियों में रहने वाले भारेमदेव शक्कर कारखाना एक बार फिर विवादों के घेरे में फंसते नजर आ रहा है. इस बार शक्कर फैक्ट्री में टेंडर निरस्त करने का मामला सामने आया है. दरअसल शुगर मिल प्रबंधक के द्वारा 50 हजार क्विंटल शक्कर बिक्री करने के लिए टेंडर निकाली गई थी, इस टेंडर प्रकिया में कई व्यापारी शामिल हुए थे. तमाम प्रक्रिया के बाद कवर्धा के प्रकाश ट्रेडिंग कंपनी को टेंडर हासिल करने में सफलता मिली थी इसके तहत 27 सौ प्रति क्विंटल शक्कर कीमत तय की गई.

प्रकाश ट्रेडिंग कंपनी ने सभी नियम शर्तों को मानते हुए कारखाने के एकाउंट में करीब 16 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी. जिसके बाद अचानक केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया जिसमें शक्कर की दर 2700 प्रति क्विंटल से 2900 प्रति क्विंटल कर दी गई। सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए शक्कर व्यापारियों ने हामी भर दी तथा बाकी राशि को भी जमा कर दिया गया। लेकिन अचानक कारखाना प्रबंधन द्वारा दिनांक 29.06.2018 को प्रकाश ट्रेडिंग कंपनी सहित सभी कंपनी को एक पत्र भेजकर टेंडर को निरस्त कर दिया । जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पडा। इस बीच व्यापारियों ने इसका विरोध भी किया  लेकिन इनकी शिकायत किसी ने नहीं सुनी। इस दौरान भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के संचालक मंडल पर पैसे मांगने का आरोप भी लगा है , इसलिए इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया है.  इधर इस मामले में कांग्रेस ने भी कारखाने के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर निशाना साधा है.